ताहिर हुसैन. (फाइल फोटो)
आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद और आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा हत्या मामले में कथित आरोपी ताहिर हुसैन की ओर से दायर अंतरिम जमानत का दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा कि ताहिर हुसैन समाज के लिए खतरा है.
इसको अंतरिम जमानत दी गई तो ये सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है. गवाहों को प्रभावित कर सकता है. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि चुनाव लड़ना कोई मौलिक अधिकार नहीं है.
जेल से भी नामांकन दाखिल किया जा सकता है. ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप बेहद गंभीर है. ताहिर हुसैन पर एक आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की जघन्य हत्या का आरोप है. ट्रायल बहुत अहम स्टेज पर है. इस मामले में चार गवाह मुकर चुके है. हुसैन के खिलाफ युएपीए और पीएमएलए के तहत केस लंबित है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि असम के डिब्रूगढ़ जेल में रहते हुए ही अमृतपाल ने नामांकन दाखिल किया था.
एएसजी ने यह भी कहा कि ताहिर हुसैन की तुलना अरविंद केजरीवाल से नही की जा सकती है. केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए जमानत मिली थी. केजरीवाल एक पार्टी के मुखिया है और दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके है. वही ताहिर हुसैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा कि ताहिर हुसैन के खिलाफ कुल 11 मामले है. जिसमें से आठ मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है. वही मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दर्ज मामले में उन्होंने आधी सजा काट ली है.
हुसैन के वकील ने कहा कि नामांकन दाखिल करना एक जटिल प्रक्रिया है. ताहिर हुसैन को बैंक खाता खुलवाना है. 17 जनवरी नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है. रेबेका जॉन ने कहा कि अगर मुझे बैंक खाता खुलवाने और नॉमिनेशन के लिए कस्टडी पैरोल भी मिलती है तो भी चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जा जाए. मतदान के अगले ही दिन मैं सरेंडर कर दूंगा. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों के मामले में मुख्य आरोपी है. वो युएपीए केस में मास्टरमाइंड है. कई लोगों की मौत का जिम्मेदार है.
पिछली सुनवाई में भी दिल्ली पुलिस ने कहा था कि ताहिर हुसैन जेल में रहते हुए भी नामांकन दाखिल कर सकते है. ऐसे कई उदाहरण है, जहां जेल से नामांकन दाखिल किया गया है. वही ताहिर हुसैन की ओर से पेश वकील ने कहा था कि चुकी AIMIM एक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है.
इसलिए उसे अपनी सभी सम्पत्तियों का हिसाब दाखिल करना होगा. साथ ही नामांकन के लिए एक प्रस्ताव देना होगा. जिसपर सुनवाई करते हुए जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि जेल में बैठकर भी नामांकन भरा जा सकता है. ताहिर हुसैन ने हालही में असउद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन का सदस्य बना है और पार्टी ने उसे मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है.
ताहिर हुसैन पर दिल्ली दंगा की साजिश रचने का आरोप है. साल 2020 फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ये दंगे हुए थे और कई लोगों की जान गई थी. ताहिर हुसैन पर दंगे भड़काने और उनकी फंडिंग सहित अन्य आरोप है. दंगे के समय ताहिर हुसैन आम आदमी पार्टी के पार्षद थे, लेकिन आरोपी साबित होने पर पार्टी ने उन्हें निकाल दिया था.
-भारत एक्सप्रेस
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