नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने सोमवार (13 जनवरी) को एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि भारत की अक्षय ऊर्जा स्थापित क्षमता दिसंबर 2024 तक 15.84 प्रतिशत बढ़कर 209.44 गीगावाट (GW) हो गई, जो एक साल पहले 180.80 GW थी. यह एक रिकॉर्ड है.
2024 के दौरान जोड़ी गई कुल क्षमता एक साल पहले जोड़े गए 13.05 GW से दोगुनी से अधिक बढ़कर 28.64 GW हो गई.
2024 में सौर ऊर्जा ने 24.54 GW की वृद्धि की
बयान में कहा गया है कि 2024 में सौर ऊर्जा ने 24.54 गीगावाट की बढ़ोतरी के साथ इस वृद्धि का नेतृत्व किया, जिससे इसकी संचयी स्थापित क्षमता में 33.47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 2024 में 97.86 गीगावाट हो गई.
2024 में पवन ऊर्जा में 3.42 गीगावाट की वृद्धि हुई, जिससे कुल पवन ऊर्जा क्षमता 48.16 गीगावाट हो गई, जो 2023 से 7.64 प्रतिशत की वृद्धि है. बायोएनर्जी स्थापित क्षमता दिसंबर 2023 में 10.84 गीगावाट से बढ़कर पिछले साल दिसंबर में 11.35 गीगावाट हो गई.
छोटी पनबिजली परियोजनाओं में वृद्धि
छोटी पनबिजली परियोजनाओं में वृद्धि देखी गई, स्थापित क्षमता 2023 में 4.99 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 5.10 गीगावाट हो गई. केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी के नेतृत्व में एमएनआरई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के विजन को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रमुख पहल कर रहा है.
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-भारत एक्सप्रेस
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