Mahakumbh 2025 Prayagraj: प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 2025 इस बार पहले से कहीं बड़ा और भव्य है. आगामी 45 दिनों तक यहां दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक जमावड़े का आयोजन होगा. इस बार करीब 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के यहां आने की उम्मीद है. श्रद्धालु गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए पहुंचेंगे. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 12,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जिससे इस महाकुंभ के आयोजन को और बेहतर और व्यवस्थित बनाया जा सके.
कुंभ मेला, जो हर 12 साल में एक बार होता है, एक धार्मिक और सांस्कृतिक महापर्व है. इसे “पुर्ण कुंभ” कहा जाता था, लेकिन 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे “महाकुंभ” के नाम से पहचान दी. इस मेला का आयोजन प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) में होता है, जो हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक पवित्र स्थान माना जाता है.
प्रयाग के संगम पर स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुलने और मोक्ष प्राप्ति का विश्वास है. इस बार का महाकुंभ खास है, क्योंकि प्रयागराज में इस आयोजन के दौरान विशाल और अत्याधुनिक व्यवस्था की गई है.
पारंपरिक आयोजन और व्यवस्थाएं
प्रशासन ने महाकुंभ को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं. सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, यातायात व्यवस्था और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. खासतौर पर इस बार श्रद्धालुओं की संख्या पहले से कहीं अधिक होने का अनुमान है, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा गया है.
विश्व में इसका प्रभाव और महत्व
महाकुंभ में सिर्फ भारत से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु शामिल होते हैं. यह आयोजन भारतीय संस्कृति, आस्था और धरोहर को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत करता है.
- भारत एक्सप्रेस
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