बसपा प्रमुख मायावती. (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट ने बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ दर्ज 15 साल पुराने मामले को बंद करने का आदेश दिया है. 2009 में मायावती के खिलाफ यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी. यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील रविकांत ने दायर की थी.
जिसमें उन्होंने मांग की थी कि जनता के पैसों का दुरुपयोग करने के कारण बहुजन समाज पार्टी से वह धन वसूला जाए. साथ ही याचिका में कहा गया था कि जनता के पैसे का दुरुपयोग कर पार्कों में सिंबल हाथी बनाए गए हैं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को बीएसपी का चुनाव जब्त करने का आदेश दे.
हाथी की मूर्तियां बनवाने का आरोप
आरोप है कि मुख्यमंत्री रहते हुए सरकारी खजाने से करोड़ो रूपये खर्च कर अपनी और अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी की मूर्तियां बनवाने का आरोप है. इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया तो बीएसपी प्रमुख को मूर्तियों पर खर्च किया गया जनता का पैसा वापस करना होगा. मायावती ने 2007 से 2012 तक मुख्यमंत्री रही.
उस दौरान लखनऊ और नोएडा के दो बड़े पार्कों का निर्माण कराया था. पार्कों में बाबा साहेब अंबेडकर, बीएसपी के संस्थापक कांशीराम, पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी और अपनी खुद की मूर्तियां लगाई थी. जिसके खिलाफ यह याचिका दायर किया गया था.
-भारत एक्सप्रेस
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