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भारत जापान को पछाड़ 2026 तक दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा: PHDCCI

इंडस्ट्रियल बॉडी पीएचडीसीसीआई (PHDCCI) ने चालू वित्त वर्ष में देश की GDP 6.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 26 में 7.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया है.

GDP

इंडस्ट्रियल बॉडी पीएचडीसीसीआई (PHDCCI) ने बुधवार (15 जनवरी) को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था का 2026 तक जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है. बॉडी ने मार्च में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में देश की GDP 6.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 26 में 7.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया है.

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और उम्मीद है कि 2026 तक यह जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी. बजट से पहले इंडस्ट्रियल बॉडी ने यह भी कहा कि आयकर की सर्वोच्च दर, जो वर्तमान में 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत लागू है, केवल 40 लाख रुपये से अधिक आय वाले व्यक्तियों पर लागू होनी चाहिए, जबकि आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाना चाहिए.

इसके अलावा PHDCCI ने उम्मीद जताई है कि रिजर्व बैंक अगले महीने अपनी नीति समीक्षा में बेंचमार्क ब्याज दर में 25 आधार अंकों की कटौती करेगा, जिससे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति (इन्फ्लेशन) में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है.

आने वाली तिमाहियों में CPI इन्फ्लेशन में कमी आएगी

PHDCCI के उप महासचिव एस पी शर्मा ने मीडिया से कहा, “हमें उम्मीद है कि अगली नीति में तकनीकी रूप से 25 आधार अंकों की कटौती होनी चाहिए, क्योंकि अब हमारी CPI मुद्रास्फीति में कमी आ रही है, हालांकि कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतें कोहरे या मानसून में देरी के कारण अभी भी ऊंची हैं. लेकिन हमें उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में सीपीआई मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय कमी आएगी और यह 4 से 2.5 प्रतिशत के बीच कहीं होगी.”

बजट में आय के माध्यम से उपभोग को बढ़ावा देने के लिए चैंबर द्वारा सुझाए गए उपायों के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “15 लाख रुपये, यह मध्यम आय है, और यदि आप उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के आंकड़ों पर जाएं तो हम उच्चतम कर दर लगा रहे हैं. इसलिए हमने सुझाव दिया है कि यह उच्चतम दर कम से कम 40 लाख रुपये से अधिक की आय पर लगाई जानी चाहिए. इस तरह की मध्यम आय पर कोई उच्चतम दर नहीं होनी चाहिए, और यदि हम उपभोग अर्थव्यवस्था हैं तो उच्चतम दर 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए.”

इसके अलावा, PHDCCI ने सुझाव दिया है कि स्वामित्व या भागीदारी और एलएलपी के तहत संस्थाओं पर टैक्स रेट, जो वर्तमान में 33 प्रतिशत है, 25 प्रतिशत होनी चाहिए. बॉडी ने कहा कि PHDCCI ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2024-25) में GDP के 6.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025-26 में 7.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है.


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-भारत एक्सप्रेस



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