यूपी के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) आलू के उत्पादन में वैसे तो देश में पहले स्थान पर है लेकिन नई तकनीक का उपयोग न करके आलू किसान घाटे में ही चल रहे हैं क्योंकि आलू अपनी साइज एवं क्वालिटी की वजह से ही प्रभावी होते हैं. बड़े साइज के आलुओं का उपयोग चिप्स (Chips) बनाने में किया जाता है जबकि छोटे आलुओं का चिप्स बनाने में पर्याप्त उपयोग नहीं हो पता है, इसी कारण के चलते चिप्स बनाने वाली कंपनियां बड़े साइज के आलू को खरीदने में वरीयता देती हैं. अकेले उत्तर प्रदेश में पूरे देश में उत्पादित होने वाले आलू का 35 फीसद उत्पादन होता है.
उत्तर प्रदेश (UP) में शीतगृहों (Cold Stores) की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है, वर्तमान समय में आलू भंडारण के लिए 1971 शीतगृह संचालित हैं. किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए निमित्त बाजार हस्तक्षेप योजना (Market Intervention Scheme -MIS) इस वर्ष लागू किया गया है जिसके तहत औसत गुणवत्ता के आलू को कम से कम 650 रुपए कुन्तल की दर से क्रय किया जाएगा.
अखिलेश ने साधा था निशाना
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने 11 मार्च को ट्वीट करके आलू किसानों की समस्या एवं आलू खरीद को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर निशाना साधा था. इसका जवाब देते हुए आज 12 मार्च को उद्यान एवं खाद्य संस्करण विभाग की तरफ से मंत्री दिनेश प्रताप सिंह (Minister Dinesh Pratap Singh) ने सरकारी योजनाओं को बताने के साथ ही राज्य में बढ़े हुए शीतगृहों की संख्या और सरकार की नीतियों को बताया.
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साथ ही कहा कि आलू किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैं तथा किसानों (Farmers) के आलू की फसल की खरीद के लिए उचित दिशानिर्देश दिये गए हैं जिसके तहत ई – नैम के नाम से ई – ट्रेड व्यवस्था शुरू की गई है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार की योजना ‘ऑपरेशन ग्रीन योजना’ के तहत कृषकों को 50 फीसद अनुदान सम्बन्धी निर्देश दिए गये हैं.
उत्तर प्रदेश राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हॉफेड) के ज़रिए किसानों से आलू की खरीद तो की ही जाएगी उसके साथ किसानों द्वारा उत्पादित किये जा रहे खाद्य पदार्थों को अन्य प्रदेशों के अलावा विदेशों में भी भिजवाया जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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