फोटो- सोशल मीडिया
कांग्रेस के प्रयागराज के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने वाराणसी के अपने लहुराबीर स्थित आवास पर ‘मेरा घर-राहुल गांधी का घर’ का बोर्ड लगाकर अपने आवास को सांकेतिक रूप से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष को समर्पित कर दिया है. कांग्रेस नेता और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अजय राय ने मंगलवार को अपनी पत्नी रीना राय के साथ अपने लहुराबीर स्थित आवास पर ‘मेरा घर-राहुल गांधी का घर’ का बोर्ड लगाकर इसे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को समर्पित किया. इसके साथ ही उन्होंने देश भर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपना घर कांग्रेस के पूर्व सांसद को समर्पित करने का अनुरोध किया.
देश में लाखों-करोड़ों कार्यकर्ताओं के घर
इस मौके पर राय ने कहा, “ इस देश के तानाशाह हमारे नेता राहुल गांधी से एक घर छीन सकते हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं है कि राहुल गांधी के पास पूरे देश में लाखों-करोड़ों कार्यकर्ताओं के घर हैं.” राय ने कहा, “आज बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में लहुराबीर स्थित अपने आवास को मैंने अपनी पत्नी व परिवार की सहमति से राहुल गांधी को समर्पित किया है.” कांग्रेस नेता ने कहा कि काशी सहित पूरे प्रयागराज प्रांत में यह पहल शुरू हुई है और अब कांग्रेस के “हर कार्यकर्ता का घर राहुल गांधी का घर है.”
आवंटित सरकारी बंगला खाली करने को कहा
उन्होंने कहा, ”मैं सारे कांग्रेसजनों से अपील करता हूं कि अपने-अपने घरों में राहुल जी का स्वागत करिये.” उन्होंने कहा कि आनंद भवन की अरबों की संपत्ति गांधी परिवार ने देश को समर्पित कर दी और आरोप लगाया कि आज उन्हीं को घर खाली करने का नोटिस देना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘कायरतापूर्ण’ हरकत है. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया था कि लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया है.
23 मार्च को दोषी ठहराया
राहुल गांधी को पिछले सप्ताह लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के मद्देनजर लोकसभा की आवास संबंधी समिति ने कांग्रेस नेता को 12 तुगलक लेन स्थित सरकारी बंगला खाली करने के लिये नोटिस भेजा है.
गुजरात में सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें 23 मार्च को दोषी ठहराया तथा दो साल कारावास की सजा सुनाई थी. इसके अगले दिन 24 मार्च को उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अयोग्य ठहराये गए सदस्य को उनकी सदस्यता जाने के एक महीने के भीतर सरकारी बंगला खाली करना होता है.
-भारत एक्सप्रेस
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