जी7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की बातचीत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों के अपने दौरे के दूसरे चरण में रविवार (21 मई) को पापुआ न्यू गिनी पहुंचे. पीएम जापान (Japan) से यहां पहुंचे, जहां उन्होंने जी-7 के शिखर सम्मेलन में भाग लिया और दुनिया के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं. इससे पहले पीएम मोदी ने रविवार को जापान के हिरोशिमा शहर में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के सत्र में कहा कि वह यूक्रेन में मौजूदा हालात को राजनीति या अर्थव्यवस्था का नहीं, बल्कि मानवता एवं मानवीय मूल्यों का मुद्दा मानते हैं.
विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी
प्रधान मंत्री ने भारत और जापान के बीच “विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी” का उल्लेख किया और कहा कि यह “हमारे संयुक्त प्रयासों, इन मुद्दों पर वैश्विक सहयोग में योगदान” के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है. विशेष रूप से, 19 मई से 21 मई तक G7 शिखर सम्मेलन के लिए जापान के हिरोशिमा की प्रधान मंत्री की यात्रा, भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव के लिए एक वसीयतनामा के रूप में है.
दरअसल यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के संबंध में, पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून के महत्व को रेखांकित करते हुए, राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के आधार पर एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए अपने मजबूत समर्थन की पुष्टि की. हालाँकि भारत परमाणु अप्रसार संधि का पक्षकार नहीं है और माना जाता है कि उसके पास स्वतंत्र रूप से परमाणु हथियार हैं.
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जी 7 की सफल अध्यक्षता पर बधाई
जी7 शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रित करने के लिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं. आपकी (प्रधानमंत्री किशिदा) भारत यात्रा एक यादगार यात्रा थी. यह मेरे लिए एक सुखद क्षण है क्योंकि मैंने आपको जो बोधि वृक्ष उपहार में दिया था, वह आपके द्वारा हिरोशिमा, मैं में लगाया गया था. विश्वास है कि भारत-जापान संबंध इस पेड़ की वृद्धि के साथ बढ़ेंगे, “पीएम मोदी ने हिरोशिमा में कहा कि उन्होंने किशिदा को जी 7 की सफल अध्यक्षता पर बधाई दी.
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