रजनीश कपूर, वरिष्ठ पत्रकार
भारत एक्सप्रेस
कुछ तो है जिस की पर्दा-दारी है !
विपक्ष की मांग है कि अडानी समूह पर लगे आरोपों कि न सिर्फ़ जाँच होनी चाहिए बल्कि यह जांच योग्य लोगों द्वारा ही की जानी चाहिये.
लद्दाख: ऑल इज नॉट वेल !
वांगचुक का आरोप है कि, “तीन साल से केंद्र का यूटी प्रशासन नाकाम रहा है. हर आदमी दुखी है. नौकरियां नहीं मिल रही है. फंड है लेकिन इसका ज्यादातर हिस्सा वापस चला जाता है.
क्या रियलिटी शो आपको भावुक करते हैं?
पिछले दिनों एक ‘बाबा’ विवाद में आए. विवाद का विषय ‘चमत्कार’ था. उस चमत्कार को एक समाजिक संस्था द्वारा चुनौती दी गई थी.
नेपाल विमान हादसा: दोष किसका?
विमान दुर्घटना के कारणों में एक ऐसा कारण भी होता है जिसकी चर्चा बहुत कम होती है. ‘पायलट की थकान’ के बारे में बहुत कम बात की जाती है.
उपद्रवी हवाई यात्रियों पर लगे कड़ा अंकुश
‘नो फ्लाई लिस्ट’ एक अच्छी पहल है. इसमें भी परिवर्तन की जरूरत है. जैसे ड्राइविंग लाइसेंस में एक से अधिक बार चालान होने पर उसे दर्ज किया जाता है.
कंझावला कांड और दिल्ली पुलिस
पीड़िता के पोस्टमॉर्टम से पहले ही दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने मीडिया में बयान दिया कि यह मामला ‘हत्या’ का नहीं बल्कि ‘दुर्घटना’ का है.
कोचर और धूत ही गिरफ्तार क्यों?
देश की शीर्ष जांच एजेंसियों का सिद्धांत यह होना चाहिये कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। फिर वो चाहे किसी भी विचारधारा या राजनैतिक पार्टी का समर्थक ही क्यों न हो।
अध्यापकों को भी मिले ग्रेच्युटी की रकम
स्कूल प्रशासन ने 11 नवम्बर 2022 को, मामले की सुनवाई की पहली तारीख़ पर ही ग्रेच्युटी देने की माँग को स्वीकार लिया और मामला रद्द करने की अपील की.
विपक्ष का एकजुट होना लोकतंत्र के लिए जरूरी
चुनाव के बाद तमाम टीवी चर्चाओं में राजनैतिक विश्लेषक इस बात पर खास जोर दे रहे हैं कि विपक्षी दलों को आपस में एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरना चाहिये था.
चेक बाउंस मामलों पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले से एक ओर जहां देश के व्यापारी जगत को काफ़ी राहत मिली है. वहीं दूसरी ओर इस क़ानून की धाराओं का भी स्पष्टीकरण हुआ है.