रजनीश कपूर, वरिष्ठ पत्रकार
भारत एक्सप्रेस
संसद का गतिरोध कैसे ख़त्म हो?
संसद का शीतकालीन सत्र पहले दिन से हंगामेदार बना हुआ है. विपक्ष ने सरकार को अडानी मुद्दे पर घेर रखा है. विपक्ष की माँग है कि सरकार अडानी मुद्दे पर बयान दे कर अपना रुख़ साफ़ करे.
क्या इस देश को अदालतें चला रही हैं?
हमारे देश में न्यायपालिका पर बढ़ते काम के बोझ का मुख्य कारण सरकारी तंत्र की विफलता है। जब सरकारी संस्थाएं अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभातीं, तो नागरिकों को न्याय के लिए अदालत का रुख़ करना पड़ता है।
जहां चाह वहाँ राह!
Bharat Express Analysis: बीते कुछ सप्ताह से दिल्ली एनसीआर और उत्तर भारत को प्रदूषण के बादल इस कद्र घेर रखा है कि आम जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है.
कैसे रुकें राजमार्गों पर हादसे?
Accidents on Highways: सड़क नियम और क़ानून को सख़्ती से लागू करने की ज़िम्मेदारी केवल ट्रैफ़िक पुलिस की नहीं होनी चाहिए. इनको लागू करने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाए जाने चाहिए.
वायु प्रदूषण: सही कारण का हल ही करेगा नियंत्रण
Air Pollution: हर वर्ष नवम्बर के महीने में दिल्ली सरकार अपने आदेश के तहत बिना वैध प्रदूषण प्रमाण पत्र के चलने वाले वाहनों पर 10,000 का मोटा जुर्माना लगाने के आदेश जारी कर देती है.
चुनाव आयोग के फ़ैसले निष्पक्ष दिखाई दें!
2024 के लोकसभा चुनावों के बाद होने वाले कई विधान सभा के चुनावों में केंद्रीय चुनाव आयोग की भूमिका पर कई सवाल उठे हैं. परंतु चुनाव आयोग अपने फ़ैसलों को बदलना तो दूर, अपनी प्रतिक्रिया भी नहीं दी.
ऐसा देश है मेरा
Aisa Desh Hai Mera: आज हम जिस विषय को इस कॉलम में उठाएँगे वह हमारे देश की गंगा - जमुनी तहज़ीब की विशेषता पर आधारित है.
अपने क्या सच में अपने होते हैं?
Bharat Express Analysis: आए दिन हमें यह देखने को मिलता है कि किसी बुजुर्ग को, पैसे और संपत्ति के लालच में उसी की संतान ने घर से बेघर कर दिया. ऐसा अक्सर उन परिस्थितियों में होता है जब बच्चों को सही संस्कार नहीं दिये जाते.
वर्कलोड: टेंशन लेने का नहीं देने का!
Analysis on Workload Tension: संजय दत्त की बहुचर्चित फ़िल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ का एक डायलॉग काफ़ी हिट हुआ था जिसमें वो हर किसी को न घबराने की सलाह देते हुए कहते थे ‘टेंशन लेने का नहीं - देने का’.
आवारा पशुओं की बढ़ती समस्या
शहरों में आवारा कुत्तों व गौवंश की समस्या हर दिन बढ़ती जा रही है. आम जनता को हर गली मोहल्ले में आवारा कुत्तों व गौवंश से खुद को बचा कर निकलना पड़ता है.