रजनीश कपूर, वरिष्ठ पत्रकार
भारत एक्सप्रेस
प्राकृतिक आपदा या मानव निर्मित तबाही?
इंद्र देव के क़हर के कारण देश के उत्तरी भाग से काफ़ी दर्दनाक दृश्य सामने आए।
पर्यावरण संरक्षण में सुप्रीम कोर्ट की पहल
कोर्ट में मौजूद न्यायाधीश महोदय भी अब कानून की मोटी-मोटी किताबों की जगह डिजिटल ढंग से विभिन्न पुराने फैसले व क़ानून की धाराओं को देख सकेंगे।
सरकार से क्या सवाल पूछा जाए?
एक स्वस्थ लोकतंत्र में मीडिया की अहम भूमिका होती है। समय-समय पर पत्रकार सत्तारूढ़ दल और सरकार से राष्ट्रहित के सवाल पूछते रहते हैं।
क्या आस्था मनोरंजन का विषय है?
पिछले कुछ दिनों से एक फ़िल्म को लेकर देश भर में काफ़ी विवाद चल रहा है। कारण है इस फ़िल्म में दिखाए गए भ्रामक दृश्यों और आपत्तिजनक डायलॉग।
सावधान: ऊपरवाला सब देख रहा है!
इसी श्रृंखला में अब ‘फास्ट टैग’ आयकर विभाग की मदद भी करने लगेगा। मान लीजिए कि किसी ने छुट्टी मनाने की नियत से एक रोड ट्रिप प्लान किया।
प्रतिशोध की भावना से न हो एफआईआर : सुप्रीम कोर्ट
एक पुरानी कहावत है, ‘जब घी सीधी उँगली से न निकले तो उँगली टेढ़ी करनी पड़ती है’ यानी जब कभी भी आपका कोई काम आसानी से न हो रहा हो तो आप कोई दूसरा विकल्प अपनायें।
श्रद्धा और समझ से हो धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर के मंदिर में सप्त ऋषियों की मूर्तियां पहली ही आँधी में ध्वस्त हो कर गिर गयीं।
क्या पंजाब के ‘टीचिंग फेलो’ घोटाले में बड़ी मछलियां पकड़ी जाएँगी?
चार साल पहले शुरू हुई विजिलेंस की जांच टीम आज तक मामले के रिकॉर्ड जुटाने में ही अटकी हुई थी। इस पुराने घोटाले में अगर विजिलेंस अब भी सिर्फ रिकॉर्ड जुटाने में लगा रहेगा तो कुछ हाथ नहीं आएगा।
क्या आपके पास मेडिक्लेम है?
ऐसे कई क़िस्से आपको मिल जाएँगे जहां अस्पतालों ने बीमा कंपनियों को ठगने की नियत से मोटे-मोटे बिल बना डाले। जब बिल पास नहीं हुए तो मरीज़ों पर भुगतान का दबाव डाला गया। मरीज़ों को मजबूरन बिल का भुगतान करने के लिए अपनी ज़मीन जायदाद बेचनी पड़ी।
केदारनाथ हादसा: नागरिक विमानन महानिदेशालय कब जागेगा?
वीवीआईपी व जनता की सुरक्षा की दृष्टि से समय की माँग है कि नागर विमानन मंत्रालय के सतर्कता विभाग को कमर कस लेनी चाहिए और डीजीसीए में लंबित पड़ी पुरानी शिकायतों की जाँच कर यह देखना चाहिए कि किस अधिकारी से क्या चूक हुई।