रजनीश कपूर, वरिष्ठ पत्रकार
भारत एक्सप्रेस
दिल्ली एम्स का कायाकल्प
देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों को लेकर हमेशा सवाल उठाए जाते हैं। सरकारें आती-जाती रहती हैं और वे दावा करती हैं कि देश में स्वास्थ्य सेवाएँ बेहतर बनाएँगी।
Manipur: मुख्य न्यायाधीश और दोषियों को सज़ा?
तमाम टीवी डिबेट में सत्तापक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर लांछन लगाने पर तुले हैं। कोई भी इस समस्या की गहराई तक जाता नहीं दिखाई दे रहा
निजी चार्टर सेवा पर इतनी मेहरबानी क्यों?
Private Airline: एआर एयरवेज़ नाम की एक निजी एयर चार्टर कंपनी यह खिलवाड़ कर रही है। इस कंपनी की सेवाओं का उपयोग करने वाले अति विशिष्ट यात्रियों को इस बात का अंदाज़ा भी नहीं है.
इतनी देर से क्यों जागा डीजीसीए?
डीजीसीए द्वारा विमानों की जाँच के हर पहलू को कड़ाई से लागू करने को गम्भीरता से लेना होगा।
प्राकृतिक आपदा या मानव निर्मित तबाही?
इंद्र देव के क़हर के कारण देश के उत्तरी भाग से काफ़ी दर्दनाक दृश्य सामने आए।
पर्यावरण संरक्षण में सुप्रीम कोर्ट की पहल
कोर्ट में मौजूद न्यायाधीश महोदय भी अब कानून की मोटी-मोटी किताबों की जगह डिजिटल ढंग से विभिन्न पुराने फैसले व क़ानून की धाराओं को देख सकेंगे।
सरकार से क्या सवाल पूछा जाए?
एक स्वस्थ लोकतंत्र में मीडिया की अहम भूमिका होती है। समय-समय पर पत्रकार सत्तारूढ़ दल और सरकार से राष्ट्रहित के सवाल पूछते रहते हैं।
क्या आस्था मनोरंजन का विषय है?
पिछले कुछ दिनों से एक फ़िल्म को लेकर देश भर में काफ़ी विवाद चल रहा है। कारण है इस फ़िल्म में दिखाए गए भ्रामक दृश्यों और आपत्तिजनक डायलॉग।
सावधान: ऊपरवाला सब देख रहा है!
इसी श्रृंखला में अब ‘फास्ट टैग’ आयकर विभाग की मदद भी करने लगेगा। मान लीजिए कि किसी ने छुट्टी मनाने की नियत से एक रोड ट्रिप प्लान किया।
प्रतिशोध की भावना से न हो एफआईआर : सुप्रीम कोर्ट
एक पुरानी कहावत है, ‘जब घी सीधी उँगली से न निकले तो उँगली टेढ़ी करनी पड़ती है’ यानी जब कभी भी आपका कोई काम आसानी से न हो रहा हो तो आप कोई दूसरा विकल्प अपनायें।