Bharat Express

सुबोध जैन




भारत एक्सप्रेस


दिल्ली पुलिस के इतिहास में शायद पहला मौका है कि पुलिस आयुक्त के आदेश के बावजूद राजधानी के एक चौथाई से ज्यादा ट्रैफिक सर्किल में ऐसे इंस्पेक्टर तैनात कर दिए गए हैं, जिनका कानूनी तौर पर वजूद ही नहीं है !

गोवा के पुलिस महा निरीक्षक ओमवीर बिश्नोई कहते हैं कि इस मामले में थानेदार को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई है.

कमजोर नेतृत्व के चलते बेलगाम हुई दिल्ली पुलिस अपराधों पर अंकुश लगाने के बजाए अपराधियों की मददगार बन रही है! यही वजह है कि पश्चिमी जिला पुलिस पर सूबे में अपराध का पर्यायवाची बने काला जठेड़ी गैंग के दो गुनाहगारों को रियायत दिलाने की तैयारी में जुटने के आरोप लग रहे हैं.

पुलिस का कहना है कि अभिनेता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है. सामान्य तौर पर ऐसे मामलों में पोस्टमार्टम नहीं कराया जाता.

राजस्थान की कांग्रेस सरकार के लिए भाजपा से ज्यादा, खुद उसके नेता सचिन पायलट ज्यादा मुसीबत खड़ी कर रहे हैं. पुलवामा के शहीदों की पत्नियों के आंदोलन में पायलट का सरकार विरोधी रवैया भाजपा की सियासी रणनीति को लगातार मजबूत कर रहा है.

अपराधियों से सांठगांठ और भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही दिल्ली पुलिस का दामन हर रोज दागदार हो रहा है. अभिनेता सतीश कौशिक की संदिग्ध मौत के आरोपों ने तो जैसे खलबली ही मचा दी है. आरोप है कि इस मामले में लीपापोती के लिए भाजपा के एक पूर्व विधायक ने एक आला पुलिस अधिकारी से सौदा कराया था.

सरकार की और से जिन नौ शिकायतों का उल्लेख किया गया था, उनमें से चार पहले ही बंद हो चुकी थी. बाकी पांच भी फर्जी निकली.

दरअसल एक मामले में पुलिस की लीगल सेल ने SHO शकरपुर को कड़कड़डूमा जिला अदालत में पेश होने की सलाह दी थी.

दिल्ली पुलिस में आम तौर पर जरुरत के हिसाब से व्यवस्था होने तक कार्यवाहक यानी लुक आफ्टर प्रमोशन होते थे. इनमें इंस्पेक्टरों को ACP (लुक आफ्टर) बनाने के लिए उप राज्यपाल की अनुमति लेनी होती थी.

जिस परिवहन विभाग ने बिना मानवीय पहलुओं और कार्य योजना के यह आदेश जारी किया है उसके आयुक्त आशीष कुंद्रा के पास भी किसी सवाल का जवाब नहीं है!