Bharat Express

सुबोध जैन




भारत एक्सप्रेस


दरअसल एक मामले में पुलिस की लीगल सेल ने SHO शकरपुर को कड़कड़डूमा जिला अदालत में पेश होने की सलाह दी थी.

दिल्ली पुलिस में आम तौर पर जरुरत के हिसाब से व्यवस्था होने तक कार्यवाहक यानी लुक आफ्टर प्रमोशन होते थे. इनमें इंस्पेक्टरों को ACP (लुक आफ्टर) बनाने के लिए उप राज्यपाल की अनुमति लेनी होती थी.

जिस परिवहन विभाग ने बिना मानवीय पहलुओं और कार्य योजना के यह आदेश जारी किया है उसके आयुक्त आशीष कुंद्रा के पास भी किसी सवाल का जवाब नहीं है!

दिल्ली पुलिस की कार्यशैली और महकमे में बढ़ रहा भ्रष्टाचार एक बार फिर सुर्ख़ियों में है. उप राज्यपाल ने दिल्ली पुलिस आयुक्त की मौजूदगी में इन मुद्दों पर पुलिस को आईना दिखाया और पुलिस को अपने कामकाज में सुधार लाने की हिदायत भी दी.

DDCA सूत्रों के अनुसार इस टेस्ट टूर्नामेंट के लिए सभी निदेशकों के माध्यम से आठ-आठ लोगों को ग्रीन कार्ड जारी किए गए थे.

परिवहन विभाग के अधिकारी सड़कों से पुराने वाहनों को हटाने के NGT के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं! पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग मामले में मनमाने तरीके से समीक्षा करके ऐसा फरमान जारी कर दिया, जिससे अजीब दुविधा उत्पन्न हो गई है. शायद यही वजह है कि परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा इस मामले में अभी भी तथ्यों को झुठलाने की कोशिश कर रहे हैं. उनका दावा है कि किसी कंपनी को स्टे नहीं मिला है और दिल्ली के 8 में से 5 केंद्र पहले ही नई व्यवस्था में स्थानांतरित हो चुके हैं.

दिल्ली पुलिस एकेडमी में ठेकेदारों और वेंडर्स से मिलकर कमीशन वसूला जा रहा है! एकेडमी के झड़ौदा सेंटर में तैनात एक ACP एकेडमी परिसर से बाहर ठेकेदारों और वेंडर्स के साथ बैठकें कर रहा था.

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर असम सरकार ने दावा किया है कि बारह ज्योतिर्लिंग में से छठा ज्योतिर्लिंग "भीमाशंकर" असम के गुवाहटी स्थित डाकिनी पहाड़ी पर स्थापित है. जिसके बाद राष्ट्रीय राजनीति में धार्मिक तड़के की यह लड़ाई तेज होने की आशंका व्यक्त की जा रही है. इससे पहले भी देश के दो अन्य ज्योतिर्लिंगों के पौराणिक महत्व को लेकर विवाद जारी है.

जिमखाना के प्रबंधन द्वारा प्रधानमंत्री आवास के साथ ड्रोन उड़ाने का मामला अब दिल्ली पुलिस के गले की हड्डी बन गया है. इस मामले में पुलिस को तमाम सबूत और शिकायत दी गई. लेकिन आईबी से सेवानिवृत्त एक अफसर के दबाव में आला अधिकारियों ने मामला दर्ज नहीं किया. सूत्रों की मानें तो कल तक कानून का मखौल बनाने वाले इन्हीं अधिकारियों ने अदालत के हस्तक्षेप के बाद थानाध्यक्ष को बलि का बकरा बनाकर लाइन हाजिर कर दिया है.

छापों के दौरान बरामद पैसों में हेरफेर के लिए बदनाम हो रही दिल्ली पुलिस की एक टीम ऐसे ही आरोप में फंस गई है. मामला उत्तर पूर्वी जिला के वाहन चोरी निरोधक दस्ते (AATS) से जुड़ा है. इस टीम ने जिले में चल रहे एक अवैध कैसिनो पर छापा मारा था. जहां से करीब लाख रुपए बरामद करने का दावा किया गया. आरोप है कि टीम ने मौके से पांच लाख रुपए नहीं, बल्कि करीब ढाई करोड़ रुपए पकडे थे.