Bharat Express

उपेन्द्र राय, सीएमडी / एडिटर-इन-चीफ, भारत एक्सप्रेस




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कॉरपोरेट के पतन में तमाम ऐसी वजह हैं जिनमें भयंकर प्रतिस्पर्धा, महत्वाकांक्षी विविधीकरण, आर्थिक मंदी, कुप्रबंधन और अस्थिर ऋण स्तर का होना शामिल है.

अब सवाल है कि विपक्ष का चुनावी अभियान कैसा होना चाहिए? मोदी हटाओ, लोकतंत्र बचाओ का नकारात्मक अभियान लक्ष्य सिद्धि के लिए सकारात्मक साबित नहीं हो पाएगा।

फ्रांस की राजधानी पेरिस में बैस्टिल-डे परेड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति निश्चित ही 140 करोड़ देशवासियों के लिए राष्ट्रीय गर्व का विषय है।

केवल भारत ही नहीं, धरती का तापमान बढ़ने से जो असर बारिश और बाढ़ की शक्ल में देखने को मिल रहा है वो पूरी दुनिया को परेशान कर रहा है।

गौतम अडानी और धीरूभाई अंबानी की उद्यमिता की जर्नी दूरदर्शिता, दृढ़ता और नवाचार की परिवर्तनकारी शक्ति का उदाहरण है.

राष्ट्रहित की ओर लक्षित प्रधानमंत्री मोदी की यह साफगोई चीन की बेल्ट एंड रोड पहल के मामले में भी दिखी। साम्राज्यवादी चक्रव्यूह को विस्तार देने वाली चीन की यह महत्वाकांक्षी परियोजना गिलगित-बाल्टिस्तान और पीओके पर भारत के आधिकारिक दावे और दक्षिण-एशियाई क्षेत्र में भारतीय प्रभाव की राह में एक चुनौती है।

देश के बाकी हिस्सों की बात करें तो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में बीजेपी के पास अपनी सीटें बढ़ाने की गुंजाइश कम लग रही है।

लोगों में प्रचलित आम धारणा के विपरीत, बड़े कॉर्पोरेट ग्रुपों के बीच संपत्ति में वृद्धि का मतलब कोई खास सरकारी कृपा नहीं रही है. अडानी और अंबानी जैसी कंपनियों की सफलता का श्रेय मुख्य रूप से उनकी उद्यमशीलता की दृष्टि, नवाचार और बाजार की स्थितियों के अनुकूल होने की क्षमता को दिया जाता है.

राजनीति की दुनिया में आए दिन बदलाव हो रहे हैं. जटिल और विकसित होती इस राजनीति में आगे बढ़ पाना उन्हीं लोगों के लिए आसान है जो असाधारण राजनीतिक कौशल के खिलाड़ी हैं.

रूस में वैगनर आर्मी की चंद घंटों की बगावत ने पुतिन की सालों-साल पुरानी सत्ता की चूलें हिला दी हैं।