Bharat Express

उपेन्द्र राय, सीएमडी / एडिटर-इन-चीफ, भारत एक्सप्रेस




भारत एक्सप्रेस


साल 2014 में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती आने के साथ ही देश का तेजी से विकास हुआ.

समस्या यह है कि युद्ध को शुरू हुए सवा साल से ज्यादा वक्त बीत गया है लेकिन किसी को भी यह नहीं पता कि युद्ध रुकेगा कैसे? इतिहास में कई बार दुनिया का चौधरी बन चुका अमेरिका भी इस बार लाचार होकर भारत की ओर देख रहा है।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल के नौ साल पूरे हो चुके हैं. सरकार के दसवें साल की शुरुआत दो शानदार उपलब्धियों के साथ हुई है. भारत ने वैश्विक स्तर पर चल रहे संकटों के बीच 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद में जबरदस्त वृद्धि की है.

राज्यों में जब चुनाव होने को होते हैं तो इस मुद्दे पर सरगर्मी भी बढ़ती है। 2022 में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर, हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनाव में बीजेपी ने इसे अपने प्रचार और वोट मांगने के एजेंडे में शामिल किया था।

नया संसद भवन इस लिहाज से भी बेहद खास हो जाता है कि अब हम भी उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गए हैं, जिसके पास गुलामी से मिली आजादी के बाद खुद का बनाया हुआ संसद भवन होगा।

एक महत्वपूर्ण आवाज के रूप में विश्व स्तर पर भारत की उपस्थिति इस तथ्य से भी रेखांकित होती है कि भारत एक ही समय में जी-20 और शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता संभाल रहा है।

अगर पाकिस्तान में आज चुनाव होते हैं तो सत्ता में इमरान की वापसी तय है। इसलिए भी इमरान की पार्टी पीटीआई का पूरा जोर पाकिस्तान में जल्द आम चुनाव करवाने का है।

Supreme Court on Adani: विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार को पटखनी देने के लिए हिंडनबर्ग रिपोर्ट का इस्तेमाल किया. उनका सीधा तर्क था- मोदी सरकार अडानी ग्रुप को बचा रही है.

दूसरी तरफ पहले चुनाव में कर्नाटक की जनता और फिर नतीजों के बाद विपक्ष से मिल रहे समर्थन से उत्साहित कांग्रेस की राह भी आसान नहीं रहने वाली है।

बीजेपी के नजरिए से इस हार में कई बड़े सबक हैं। चुनाव-दर-चुनाव बीजेपी अपनी जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्मे पर जरूरत से ज्यादा निर्भर हो चुकी है।