उपेन्द्र राय, सीएमडी / एडिटर-इन-चीफ, भारत एक्सप्रेस
भारत एक्सप्रेस
एकता के नहले पर समानता का दहला
दिल्ली-पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी और तेलंगाना में कांग्रेस-बीआरएस का यही हाल है। उत्तर प्रदेश का हाल तो और भी अजीब है जहां समाजवादी पार्टी और बीएसपी कांग्रेस के साथ अपनी सियासी जमीन साझा करने को तैयार नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिका दौरा; भविष्य भारत का है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हालिया अमेरिकी दौरा भारतीय प्रधानमंत्रियों के सफलतम अमेरिकी दौरों में काफी ऊपर रखा जाएगा। अव्वल तो अब वे अमेरिकी कांग्रेस को दो बार संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं।
यूक्रेन युद्ध पर फिर छाया परमाणु साया
हाल के महीनों में बाइडेन प्रशासन ने वैश्विक राजनीति में चीन की बढ़ती भूमिका को स्वीकारने में अपनी हिचक तोड़ी है। यूक्रेन मसले को सुलझाने में मदद के लिए चीन की पेशकश का इसमें बड़ा हाथ है।
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा: भारतीय कूटनीति में एक मील का पत्थर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून से अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं. पीएम मोदी की ये विदेश यात्रा कई मायनों में काफी अहम मानी जा रही है.
हिमाचल प्रदेश महज झांकी है!
बेशक लोकतंत्र में जनादेश से चुनी हुई सरकार का ये विशेषाधिकार होता है कि वो जनता को क्या और कैसी सुविधाएं दे, लेकिन अर्थव्यवस्था के जानकार इसे देश-राज्य की आर्थिक स्थिति के लिए गंभीर चेतावनी बता रहे हैं।
डेमोक्रेसी पर डोर्सी के सवाल: एंटी इंडिया गैंग का नया शिगूफा
ट्विटर के अधिग्रहण के बाद एलन मस्क ने ‘ट्विटर फाइल्स’ के नाम से जो खुलासे किए थे, वो भी डोर्सी को कठघरे में खड़े करते हैं।
चर्चा लोकतंत्र की, चिंता भारत विरोध की
पिछले दिनों वाशिंगटन के व्हाइट हाउस में हुई प्रेस वार्ता में एक दिलचस्प और बेहद महत्वपूर्ण वाकया इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।
राजनीतिक बवाल से नहीं सुलझेंगे बालासोर के सवाल
गौर करने वाली बात ये है कि इस मामले में बढ़-चढ़कर प्रधानमंत्री मोदी से जवाबतलब और रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे ज्यादातर नेता किसी-न-किसी वक्त में देश के रेल मंत्री रह चुके हैं।
पीएम मोदी की डिजिटल क्रांति : वैश्विक पटल पर देश को दिलाई नई पहचान, ‘डिजिटल पावर हाउस’ बना भारत
दुनिया के साथ कदम मिलाकर अगर चलना है तो डिजिटल तकनीक का सहारा लेना पड़ेगा. आज के दौर में दुनिया के सभी देश एकदूसरे से कनेक्टेड हैं.
देश में जब भी त्रासदी आई तो उम्मीद की किरण बनकर सामने आए गौतम अडानी, मदद के लिए बढ़ाया हाथ
दुर्भाग्य को भला कौन टाल पाया है. इससे अक्सर हमें दुखद आघात मिलता है. कमजोर और हाशिए पर रहने वालों को तो यह और दीन-हीन बना देता है.