उपेन्द्र राय, सीएमडी / एडिटर-इन-चीफ, भारत एक्सप्रेस
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इमरान पर पाकिस्तान में बवाल: सेना से अदावत, बदल रही रवायत
पाकिस्तान में उभर रहे संकट पर भारत की क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए? ताजा घटनाक्रम में एक बात तो साफ हो गई है कि पाकिस्तान में सेना का अब कोई डर या सम्मान नहीं है।
SCO Meet में चीन-पाकिस्तान को भारत ने दिखाया विदेश नीति का दम
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को आतंकवाद का "प्रवर्तक और प्रवक्ता" करार देते हुए आतंकी संगठनों की मदद जारी रखने के लिए पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई.
ऋण संकट में फंसा अमेरिका: कंगाली की डगर, साख पर तलवार
आठ दशकों से अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर और सबसे अमीर मुल्क बना रहा लेकिन युद्ध की तैयारियों और अत्याधुनिक और महंगे हथियारों के दम पर दुनिया पर राज करने के मंसूबे ने आज उसे भी कंगाली के कगार पर ला दिया है।
‘बजरंगी’ दांव, पलटेगा चुनाव?
भले कर्नाटक के आम मतदाताओं में ये ज्यादा नहीं दिख रहा हो लेकिन प्रधानमंत्री की अगुवाई में बीजेपी के तीखे हमले और बजरंग दल के सड़क पर उतरने के बाद कांग्रेस बैकफुट पर तो दिख ही रही है।
कार्टून पर विवाद: जर्मनी की अपनी ‘रेल’ पिछड़ने वाली है
हालात ये हैं कि अगर चीन ताइवान पर हमला कर दे तो जर्मन अर्थव्यवस्था के सामने सप्लाई चेन का ऐसा गंभीर संकट खड़ा हो सकता है जिसके मुकाबले में रूस-यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव भी बौने साबित होंगे।
सूडान से सबक: मानक समाधान की दरकार
सूडान का घटनाक्रम तेजी से बदल रही दुनिया की उन खतरनाक चुनौतियों की ओर भी ध्यान खींचता है जो अब बार बार हमारे सामने आकर खड़ी हो रही हैं।
देश के युवाओं और PM मोदी के बीच ब्रिज बना है ‘मन की बात’
केंद्रीय संस्कृति सचिव गोविंद मोहन ने कहा कि सभी सीबीएसई और केंद्रीय बोर्ड के स्कूलों में कॉमिक किताबों की मुफ्त प्रतियां वितरित की जाएंगी.
हिंदुओं पर हमला – संयोग या साजिश ?
कनाडा का सरकारी आंकड़ा बताता है कि बीते कुछ वर्षों में उनके देश में एंटी-हिंदू नैरेटिव में 72 फीसद की तेजी आई है. माना जा रहा है कि इसकी प्रमुख वजह खालिस्तानी समर्थकों का इस्लामिक कट्टरपंथियों से हाथ मिला लेना है.
वैश्विक आबादी में अव्वल हुआ भारत: अब वक्त हमारा है
अगर दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश का तमगा हमें कुछ दशक पहले मिला होता तो हो सकता है ये देश के लिए एक बड़ी चिंता का विषय होता।
मैक्रों के बयान पर बहस: नई दुनिया का उदय
बेशक यूक्रेन युद्ध में कम योगदान के लिए फ्रांस की भूमिका अक्सर सवालों में घिरती रही है, लेकिन यूरोप के ज्यादातर अन्य देश भी अमेरिका को लेकर सहज नहीं हैं।