

New Delhi: देश की राजधानी दिल्ली के सबसे व्यस्त और हाई-सिक्योरिटी ज़ोन माने जाने वाले नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. भारत एक्सप्रेस के विशेष संवाददाता देवनाथ ने ‘ऑपरेशन ट्रैक’ के ज़रिए स्टेशन परिसर और रेल पटरियों पर हो रही अवैध घुसपैठ का पर्दाफाश किया है. इस खुलासे से न केवल रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं, बल्कि इसने आम यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता भी पैदा कर दी है.
सुरक्षा के कड़े नियम, लेकिन कुछ के लिए पूरी छूट?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से हर दिन लगभग 300 ट्रेनें संचालित होती हैं और औसतन चार लाख से अधिक लोग इस स्टेशन पर आवाजाही करते हैं. इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्टेशन परिसर में मल्टी लेयर सिक्योरिटी सिस्टम मौजूद है—बॉडी स्कैनर, सामान की स्कैनिंग, मेटल डिटेक्टर, CCTV निगरानी, टिकट चेकिंग आदि.
लेकिन इस सिस्टम के बावजूद, भारत एक्सप्रेस की टीम ने जो देखा, वह चौंकाने वाला था. स्टेशन की पटरियों पर सैकड़ों लोग बिना टिकट, बिना अनुमति और बिना किसी सुरक्षा जांच के घूमते नजर आए. वे पटरियों को पार कर रहे थे, यहां तक कि कुछ लोग नमाज भी पढ़ते देखे गए.
पटरियों पर भीड़, सुरक्षा नियमों की खुलेआम धज्जियाँ
रेलवे के नियमों के मुताबिक, स्टेशन परिसर में प्रवेश के लिए टिकट अनिवार्य है. फिर भी भारत एक्सप्रेस की रिपोर्ट में साफ देखा गया कि रेल पटरियों पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं, न उन्हें कोई रोक रहा है, न टोक रहा है.
यह न केवल रेलवे अधिनियम 147 का उल्लंघन है, जिसके तहत छह महीने की जेल और एक हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, बल्कि एक संभावित हादसे की दावत भी है.
रेलवे प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
जब इस गंभीर मामले को लेकर भारत एक्सप्रेस की टीम GRP कार्यालय पहुँची, तो वहां तैनात एक जवान ने भी इस घुसपैठ को “बेहद खतरनाक” करार दिया. उन्होंने बताया कि इस पर रेल प्रशासन को कई बार पत्र भेजे गए, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
GRP का ये बयान अपने आप में रेलवे प्रशासन की निष्क्रियता पर बड़ा सवाल है—जब खतरा स्पष्ट है, तो कार्रवाई क्यों नहीं?
घुसपैठियों को VIP ट्रीटमेंट क्यों?
रिपोर्ट में ये भी सवाल उठे कि जब आम आदमी पर नियम सख्ती से लागू होते हैं, तो ये विशेष लोग कैसे हर दिन बिना चेकिंग के प्रवेश पा जाते हैं?
क्या इनके पास कोई विशेष अनुमति है?
क्या इन्हें किसी संस्था या समूह का संरक्षण प्राप्त है?
क्या रेलवे में एक समान कानून नहीं है?
इन सवालों का जवाब रेलवे प्रशासन के पास अब तक नहीं है.
रेलवे अधिनियम का उल्लंघन, पर कार्रवाई नहीं
रेलवे अधिनियम की धारा 147 के तहत, रेल पटरियों पर चलना या उन्हें पार करना कानूनन अपराध है. इसके बावजूद, प्रतिदिन दर्जनों लोग इस कानून की अनदेखी करते हुए खुलेआम पटरियों पर घूमते नजर आते हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कुछ लोग स्टेशन परिसर में नमाज पढ़ते दिखाई दिए. सवाल यह नहीं है कि वे क्या कर रहे हैं, बल्कि सवाल यह है कि क्या स्टेशन परिसर में कोई धार्मिक या सार्वजनिक गतिविधि बिना अनुमति के संभव है?
आखिर जिम्मेदार कौन?
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद आम यात्रियों के मन में कई सवाल हैं:
क्या रेलवे प्रशासन और GRP के बीच सामंजस्य की कमी है?
क्या सुरक्षा नियमों को चयनात्मक तरीके से लागू किया जा रहा है?
क्या ऐसे मामलों को नजरअंदाज करना भविष्य के किसी बड़े हादसे को न्योता नहीं है?
भारत एक्सप्रेस की अपील: सुरक्षा के साथ समझौता नहीं
भारत एक्सप्रेस इस खुलासे के माध्यम से रेलवे प्रशासन और सरकार से कड़े एक्शन की मांग करता है. आम लोगों की सुरक्षा से जुड़े इस मसले पर तुरंत कार्यवाही जरूरी है. यदि अब भी आंखें मूंद ली गईं, तो ये चुप्पी एक दिन किसी गंभीर दुर्घटना में तब्दील हो सकती है.
यह भी पढ़िए: सुबह का वक्त,सीबीआई,सुप्रीम कोर्ट,क्राइम ब्रांच और अकेली महिला, खेल तगड़ा हुआ
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.