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सुबह का वक्त,सीबीआई,सुप्रीम कोर्ट,क्राइम ब्रांच और अकेली महिला, खेल तगड़ा हुआ

नोएडा उत्तर प्रदेश में एक कामकाजी महिला के मोबाइल की घंटी बज उठती है. महिला इस अनचाही कॉल को नज़रंदाज़ करना चाहती है लेकिन कुछ सोच कर फ़ोन उठा लेती है. फ़ोन के दूसरी ओर से जो आवाज आती है उससे महिला काफी चौैंक जाती है.

Cyber security

साइबर क्राइम

Edited by Akansha

नोएडा/ उत्तर प्रदेश । समय क़रीब 9 बजकर 30 मिनट सेक्टर -36, नोएडा उत्तर प्रदेश सुबह-सुबह एक कामकाजी महिला ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रही होती है तभी मोबाइल की घंटी बज उठती है. मोबाइल नंबर ************नंबर लगातार फ़्लैश हो रहा है…महिला इस अनचाही कॉल को नज़रंदाज़ करना चाहती है लेकिन कुछ सोच कर फ़ोन उठा लेती है. फ़ोन के दूसरी ओर से जो आवाज आती है उससे महिला परेशान हो जाती है.

कॉल करने वाला बोलता है -मैं ट्राई से बोल रहा हूँ. आपके एक दूसरे सिम कार्ड का इस्तेमाल मुंबई में धोखाधड़ी के लिए किया गया है. आपके ख़िलाफ़ एक एफ़आइआर दर्ज हुई है. इस नंबर का इस्तेमाल अवैध विज्ञापन और महिलाओं के उत्पीड़न के लिए किया गया है. अगले दो घंटे में आपके सभी नंबर डिस्कनेक्ट कर दिये जायेंगे.

महिला के फूले हाथ पाँव-

इस अचानक आई कॉल से महिला के हाथ पाँव सुन्न हो गए वो बेहद घबरा जाती हैं.  वो समझ नहीं पाती कि क्या करें. चिंता की लकीरें चेहरे पर तैरने लगती हैं .मोबाइल के सभी कनेक्शन बंद होने से तो सभी काम रुक जाएँगे. महिला और अधिक घबरा जाती हैं. वो कुछ और समझ पाती तब तक एक और कॉल आती है.
महिला ने तत्काल फ़ोन उठाया.

फ़ोन करने वाला बताता है कि –

आपका सिम दुकान नंबर -10, मेहूल रोड, चेम्बूर पश्चिम, तिलक नगर मुंबई 400089 से ख़रीदा गया है. आपकी कॉल हम सीनियर आईपीएस अधिकारी संदीप राव को ट्रांसफ़र की जा रही है. महिला को यक़ीन हो जाता है कि वो किसी मुसीबत में फँस गई है. इस बीच कॉल ट्रांसफ़र होते ही फ़ोन कॉल पर एक आईपीएस अधिकारी संदीप राव आ जाता है. ख़ुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का सीनियर आईपीएस अधिकारी बताने वाले इस शख़्स ने कुछ देर बात करने के बाद इस्काइप पर बात करने को कहता है.

इस्काइप पर महिला को एक आईपीएस अधिकारी उसका नेम प्लेट और बैकग्राउंड में क्राइम ब्रांच का लोगो भी दिखाई देता है. महिला बेचैन हो जाती है. इस बीच आईपीएस संदीप राव कहता है- आप पर नरेश केस से संबंधित मनी लैंड्रिंग का केस दर्ज है.आपके ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी हुआ है. मैं अभी आपको एफ़आइआर की कॉपी भेज रहा हूँ. आपका गिरफ़्तारी वारंट सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जारी हुआ है.

इस बातचीत के दौरान महिला के ख़िलाफ़ जो कथित एफ़आइआर हुई थी उसकी कॉपी आईपीएस अधिकारी संदीप राव भेज देता है. ये सब ठीक वैसे ही होता है जैसे किसी अपराधी से पूछताछ के दौरान होता है. महिला अपना पक्ष रखती है और अपने निर्दोष होने की बात रखती है लेकिन मुंबई क्राइम ब्रांच में बैठा आईपीएस अधिकारी महिला से सवालों की बौछार कर देता है.

महिला के जवाब सुनकर कथित आईपीएस संदीप राव कुछ संतुष्ट होता है लेकिन गिरफ़्तारी से बचने के लिए वो एक दूसरे आईपीएस अधिकारी आकाश कुलहरी सीबीआई मुंबई का इस्काइब आईडी देता है और महिला को गिरफ़्तारी से बचने के लिए सलाह भी देता हुए कहता है कि वो अपने बेगुनाह होने की गुज़ारिश सीबीआई अधिकारी आकाश कुलहरी से करे. इस बीच महिला को उसके घर में साइबर अरेस्ट कर दिया जाता है. इसका मतलब ये था कि महिला का स्काइब हमेशा ऑन रहेगा और उसे हमेशा कैमरे के सामने रहना होगा . वो किसी से बात नहीं कर सकती और हमेशा सीबीआई मुंबई और क्राइम ब्रांच के पूछे गए सवालों का जवाब देती रहेगी. महिला ने जब अपने दोस्त से इस मामले में बात करनी चाही तो उसको कथित सीबीआई अधिकारी ने मना कर दिया और कहा कि ये नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा मामला है।इसकी चर्चा आप किसी से नहीं कर सकतीं. इसी बीच स्काइप पर सीबीआई मुंबई के ऑफिस से महिला का कॉल कनेक्ट कर दिया जाता है.

सामने से कथित आईपीएस आकाश कुलहरी महिला से बात करते हैं-“देखिए आपके ख़िलाफ़ बेहद संगीन आरोप हैं. नरेश गोयल के घर जो छापा पड़ा था उसमें 246 डेबिट कार्ड मिले हैं , उनमें से एक सिम कार्ड आपके नाम है. आपके आधार कार्ड संख्याxxxxxxxxxxx से एक खाता खोला गया है. इस अकाउंट से दो करोड़ रुपये ट्रांसफ़र किए गए हैं जिसके लिये आपको 20 लाख का भुगतान किया गया है.”

खतरे में देश की सुरक्षा!

महिला को बताया जाता है कि आपने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है. ये भी कहा जाता है कि इस मामले की जाँच जारी रखने के लिये उसके खाते का ऑडिट होना ज़रूरी है. इसके लिए महिला के सभी खातों में जमा पैसा आईसीआईसीआई बैंक वाले खाते में ट्रांसफ़र करना पड़ेगा. सारा पैसा आईसीआईसीआई में ट्रांसफ़र होने के बाद पीएफ़सी के अकाउंट में ट्रांसफ़र करने को कहा जाता है. बार बार ये हिदायत दी जाती है कि चूँकि ये मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है इसलिए किसी से भी इसकी चर्चा नहीं करनी है.

ये चेतावनी भी दी जाती है कि अगर जाँच प्रक्रिया लीक हुई तो उसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. आखिरकार वो होता है जिसका डर था . नक़ली सीबीआई और क्राइम ब्रांच के अधिकारी महिला के 9 लाख की रकम उड़ा लेते हैं. जब तक महिला को कुछ पता चलता तब तक बहुत लेट हो चुका था. ये कहानी किसी एक महिला की नहीं है. देश भर में साइबर ठग हजारों लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं. ऐसे में भारत एक्सप्रेस आपसे गुज़ारिश करता है कि ऐसी किसी भी फ़ोन कॉल को नज़रअंदाज़ करें.

-भारत एक्सप्रेस 



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