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Budget 2025: कृषि, MSME, निवेश और निर्यात को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला विकासोन्मुखी रोडमैप

कृषि, MSME, पर्यटन, नवाचार और निर्यात को बढ़ावा देकर सरकार ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने की ओर बढ़ रही है. यह बजट बल्कि दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता की नींव भी रखता है.

economy of india

प्रतीकात्मक फोटो (Pixabay)

भारत सरकार ने 2025-26 के बजट को देश के आर्थिक विकास के एक महत्वपूर्ण चरण के रूप में प्रस्तुत किया है. यह बजट 2014 से शुरू हुई यात्रा का अगला चरण है और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र (विकसित भारत) बनाने के लक्ष्य की दिशा में एक ठोस कदम है. यह बजट कृषि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME), निवेश और निर्यात जैसे चार मुख्य विकास इंजनों पर केंद्रित है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाओं की घोषणा की है. 100 कम उत्पादकता वाले जिलों को चिन्हित कर वहाँ की कृषि उपज बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएँ लाई जाएंगी. दालों, फलों, सब्जियों और मोटे अनाज (मिलेट्स) की उत्पादकता बढ़ाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीज, फसल विविधीकरण, आधुनिक भंडारण सुविधाएँ और सिंचाई में सुधार को प्राथमिकता दी जाएगी.

MSME सेक्टर को मजबूती

देश के दस मिलियन से अधिक पंजीकृत MSME उद्योग रोजगार और विनिर्माण क्षेत्र में अहम योगदान देते हैं. इस बजट में MSME की परिभाषा को विस्तार देते हुए निवेश और कारोबार की सीमा को बढ़ाया गया है. फुटवियर, चमड़ा, खिलौने और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए विशेष योजनाएँ बनाई गई हैं, जिससे इन क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा, निर्यात और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा.

पर्यटन उद्योग को बढ़ावा

सरकार ने पर्यटन को बढ़ाने के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की है. इसमें विदेशी पर्यटकों के लिए यात्रा को सुगम बनाने, प्रमुख पर्यटन स्थलों का विकास करने और निजी क्षेत्र के सहयोग से मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया है.

नवाचार और मानव संसाधन विकास

बजट में नवाचार और मानव पूंजी में निवेश को प्राथमिकता दी गई है. सरकार ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ और ‘पोषण 2.0’ जैसी योजनाओं को और मजबूत करेगी. 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित करने की योजना है, जिससे नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा सके.

बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई

बीमा क्षेत्र में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को अनुमति देना एक महत्वपूर्ण सुधार है. इससे बीमा उद्योग में पूंजी प्रवाह बढ़ेगा और सामाजिक सुरक्षा का दायरा व्यापक होगा. सरकार ने कैंसर उपचार से संबंधित जीवनरक्षक दवाओं पर करों में उल्लेखनीय कटौती की है, जिससे गंभीर बीमारियों से जूझ रहे नागरिकों को राहत मिलेगी.

निर्यात और वैश्विक व्यापार को बढ़ावा

निर्यात को गति देने के लिए ‘एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन’ की स्थापना की गई है, जिससे MSME सेक्टर को निर्यात में अधिक सहयोग मिलेगा. ‘भारत ट्रेडनेट’ (Bharat Trade Net) नामक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जाएगा, जो व्यापार दस्तावेजीकरण और वित्तीय लेनदेन को आसान बनाएगा. इसके साथ ही, घरेलू विनिर्माण को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जोड़ने और टियर-2 शहरों में वैश्विक क्षमता केंद्र (GCCs) स्थापित करने की योजना है.

-भारत एक्सप्रेस



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