कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग ने शुक्रवार को कहा कि भारत के शेयर बाजार में मजबूती जारी रहेगी और अगले 12 महीनों में 35 अरब डॉलर (लगभग ₹2.9 लाख करोड़) के आईपीओ (प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव) आने की संभावना है. 2024 में कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग ने एलएसईजी एशिया आईपीओ लीग टेबल में पहला स्थान हासिल किया और वैश्विक इक्विटी लीग टेबल में 10वां स्थान पाया.
2024 में भारत ने अब तक की सबसे ज्यादा 74 अरब डॉलर (लगभग ₹6 लाख करोड़) की राशि शेयर बाजार से जुटाई. कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के प्रबंध निदेशक वी. जयसंकर ने कहा, “भारत ने वैश्विक इक्विटी कैपिटल मार्केट्स (ईसीएम) में 14% योगदान दिया. यह हमारे लिए एक सुखद आश्चर्य है.”
सभी क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन
भारत के शेयर बाजार ने सभी प्रमुख क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया. यह वैश्विक बाजारों, जैसे अमेरिका, से अलग रहा जहां कुछ चुनिंदा क्षेत्रों जैसे टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और वित्तीय सेवाओं का प्रभुत्व रहता है.
घरेलू निवेशकों का योगदान
भू-राजनीतिक जोखिम और बाजार अस्थिरता के बावजूद घरेलू निवेशकों का योगदान बाजार को स्थिर बनाए रखने में अहम रहा. घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 62 अरब डॉलर (लगभग ₹5 लाख करोड़) का निवेश किया. यह बढ़ते एसआईपी (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) निवेश के कारण संभव हुआ. हालांकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भागीदारी कम रही.
कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के अनुसार, भारतीय बाजारों में सौदों का आकार लगातार बढ़ रहा है. 2024 में 30 से अधिक 500 मिलियन डॉलर (₹4,000 करोड़) के सौदे हुए.
एमएनसी कंपनियों की भारत में रुचि
बहुराष्ट्रीय कंपनियां (एमएनसी) भारत में अपनी सहायक कंपनियों को सूचीबद्ध करने में रुचि दिखा रही हैं. 2024 में एमएनसी ने अपने निवेश का एक-तिहाई हिस्सा बेचकर सार्वजनिक प्रस्तावों के जरिए धन जुटाया. हुंडई इंडिया के सफल आईपीओ के बाद कई एमएनसी भारत में सार्वजनिक प्रस्तावों के जरिए मूल्य खोलने की योजना बना रही हैं.
भारत का इक्विटी बाजार न केवल घरेलू निवेशकों को स्थिरता प्रदान कर रहा है, बल्कि वैश्विक बाजारों के लिए भी एक आकर्षक विकल्प बन रहा है.
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-भारत एक्सप्रेस
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