प्रतीकात्मक फोटो.
रक्षा मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि DRDO-AIP प्रणाली के लिए एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) प्लग के निर्माण और भारतीय पनडुब्बियों पर इसके एकीकरण तथा कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों पर इलेक्ट्रॉनिक हैवी वेट टॉरपीडो (EHWT) के एकीकरण के लिए लगभग 2,867 करोड़ रुपये के दो कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं. दोनों कॉन्ट्रैक्ट पर सोमवार (31 दिसंबर) को नई दिल्ली में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए.
DRDO द्वारा विकसित AIP तकनीक
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, AIP प्लग के निर्माण और इसके एकीकरण के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल), मुंबई के साथ लगभग 1,990 करोड़ रुपये का अनुबंध किया गया, जबकि DRDO द्वारा विकसित किए जा रहे EHWT के एकीकरण के लिए नेवल ग्रुप, फ्रांस के साथ लगभग 877 करोड़ रुपये का अनुबंध साइन किया गया. AIP तकनीक को DRDO द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है.
नौसेना की क्षमता में होगी वृद्धि
AIP प्लग के निर्माण और इसके एकीकरण से जुड़ी परियोजना पारंपरिक पनडुब्बियों की सहनशक्ति को बढ़ाएगी और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल में महत्वपूर्ण योगदान देगी. इससे लगभग तीन लाख मानव दिवसों का रोजगार पैदा होगा. EHWT का एकीकरण भारतीय नौसेना, DRDO और नौसेना समूह, फ्रांस का एक संयुक्त प्रयास होगा. इससे भारतीय नौसेना की कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों की मारक क्षमता में काफी वृद्धि होगी.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.