स्टील इंपोर्ट पर सेफगार्ड ड्यूटी लगाने को लेकर DGTR(DGTR-Directorate General of Trade and Remedies) ने जांच शुरू करने का नोटिफिकेशन जारी किया.
एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, भारतीय इस्पात संघ की शिकायत के बाद भारत ने देश में कुछ इस्पात फ्लैट उत्पादों के आयात में कथित वृद्धि की जांच शुरू की है. वाणिज्य मंत्रालय के तहत व्यापार डीजीटीआर ने फैब्रिकेशन, पाइप निर्माण, निर्माण, पूंजीगत सामान, ऑटो, ट्रैक्टर, साइकिल और इलेक्ट्रिकल पैनल सहित विभिन्न उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले ‘गैर-मिश्र धातु(non alloy) और मिश्र धातु(alloy) इस्पात फ्लैट उत्पादों’ के आयात की जांच शुरू कर दी है.
उद्योग को पहुंची गंभीर क्षति
डीजीटीआर की अधिसूचना के अनुसार, भारतीय इस्पात संघ ने अपने सदस्यों की ओर से सीमा शुल्क अधिनियम, 1975 के तहत एक आवेदन दायर किया है. जिसमे आरोप लगाया है कि आयात से उद्योग को गंभीर क्षति पहुंची है.
इसमें कहा गया है, “उन्होंने समान वस्तुओं या सीधे प्रतिस्पर्धी उत्पादों के उत्पादन में लगे घरेलू उद्योग को आयात के कारण होने वाली गंभीर क्षति और खतरे से बचाने के लिए सुरक्षा शुल्क लगाने की मांग की है.”
डीजीटीआर की अधिसूचना में कहा गया है, आवेदक द्वारा दायर विधिवत प्रमाणित आवेदन के आधार पर, तथा उसमें उपलब्ध कराए गए साक्ष्य के आधार पर स्वयं को संतुष्ट करते हुए, प्राधिकरण (डीजीटीआर) का मानना है कि जांच शुरू करने को उचित ठहराने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं.
प्राधिकरण करेगा जांच
जांच के एक भाग के रूप में, निदेशालय यह निर्धारित करेगा कि क्या अप्रत्याशित घटनाक्रमों के परिणामस्वरूप हाल की अवधि में आयात में अचानक, तीव्र और महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है और क्या ऐसे आयातों से घरेलू उद्योग को गंभीर क्षति हुई है या गंभीर क्षति का खतरा पैदा हुआ है. आवेदक ने गंभीर परिस्थितियों का हवाला देते हुए अस्थायी उपाय लागू करने का अनुरोध किया है. उसने चार साल के लिए शुल्क लगाने को कहा है. प्राधिकरण 2021-24 से संबंधित आंकड़ों की भी जांच करेगा.जांच पूरी करने के बाद, डीजीटीआर सुरक्षा बोर्ड को शुल्क लगाने की सिफारिश कर सकता है, जो भारत के सभी व्यापारिक साझेदारों पर लागू होगा.
2 दिसंबर को वाणिज्य विभाग के साथ बैठक में इस्पात मंत्रालय ने देश में आयातित कुछ इस्पात उत्पादों पर 25 प्रतिशत सुरक्षा शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा था.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.