
भारत के कृषि और प्रोसेस्ड फूड उत्पादों के निर्यात में वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 13% की वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष के $22.67 बिलियन से बढ़कर $25.14 बिलियन तक पहुंच गया है. इस वृद्धि का प्रमुख कारण चावल निर्यात में 20% की वृद्धि है.
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टैटिस्टिक्स (DGCIS) के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में चावल निर्यात, जिसमें बासमती और गैर-बासमती दोनों किस्में शामिल हैं, 20% बढ़कर $12.47 बिलियन तक पहुंच गया है. सरकार ने सितंबर 2024 में चावल निर्यात पर लगी पाबंदियों को धीरे-धीरे हटाना शुरू किया था, जिससे निर्यातकों को लाभ हुआ.
KRBL के भारत प्रमुख अक्षय गुप्ता के अनुसार, बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को हटाने से भारतीय निर्यातकों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी रूप से उच्च गुणवत्ता वाले चावल आपूर्ति करने में मदद मिली है.
अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात
बफेलो मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात वित्तीय वर्ष 2024-25 में 12.5% बढ़कर $5.09 बिलियन तक पहुंचा है. इसके अलावा, ताजे फल और सब्जियों का निर्यात 5% बढ़कर $3.86 बिलियन, और अनाज प्रसंस्करण उत्पादों का निर्यात 8% बढ़कर $2.85 बिलियन तक पहुंचा है.
APEDA का निर्यात लक्ष्य
कृषि और प्रोसेस्ड फूड उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए $26.56 बिलियन का निर्यात लक्ष्य निर्धारित किया है. APEDA के तहत निर्यात होने वाले उत्पादों का कुल कृषि निर्यात में लगभग 51% योगदान है.
कृषि क्षेत्र में निर्यात में हुई इस वृद्धि से भारत की वैश्विक कृषि आपूर्ति श्रृंखला में स्थिति मजबूत हुई है, और यह निर्यातकों के लिए नए अवसरों का द्वार खोलता है.
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-भारत एक्सप्रेस
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