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Aaj Ka Panchang 15 May 2025: ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

Aaj Ka Panchang 15 May 2025: ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष तृतीया, ज्येष्ठा नक्षत्र, शिव योग. अभिजीत मुहूर्त 11:44-12:36, राहुकाल 13:48-15:26. चंद्रमा वृश्चिक में. शुभ कार्यों के लिए समय चुनें.

Aaj Ka Panchang 9 june 2025
Edited by Akansha

Aaj Ka Panchang 15 May 2025: 15 मई 2025 को ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि होगी. इस दिन ज्येष्ठा नक्षत्र और शिव योग का संयोग रहेगा. शुभ मुहूर्त की बात करें तो अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:44 से दोपहर 12:36 तक रहेगा. राहुकाल दोपहर 13:48 से 15:26 तक रहेगा. चंद्रमा इस दिन वृश्चिक राशि में संचरण करेंगे.

हिंदू पंचांग, जिसे वैदिक पंचांग (Aaj Ka Panchang 15 May) भी कहा जाता है, समय और काल की सटीक गणना का आधार है. यह पांच प्रमुख अंगों—तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण—से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय, सूर्यास्त, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य-चंद्र की स्थिति, हिंदू मास, पक्ष आदि की विस्तृत जानकारी दी जाती है.

पंचांग विवरण

15 मई 2025 का पंचांग: 15 मई 2025 को ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि (रात 28:03 तक) रहेगी, जिसमें ज्येष्ठा नक्षत्र (दोपहर 13:58 तक) और शिव योग (सुबह 06:54 तक) का संयोग होगा. चंद्रमा वृश्चिक राशि में संचरण करेंगे. सूर्योदय सुबह 05:38 बजे और सूर्यास्त शाम 18:42 बजे होगा. प्रथम करण वणिजा (दोपहर 15:16 तक) और द्वितीय करण विष्टि (रात 28:03 तक) रहेगा. राहुकाल दोपहर 13:48 से 15:26 तक रहेगा, जबकि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:44 से दोपहर 12:36 तक रहेगा. यह दिन गुरुवार का है, और विक्रमी संवत् 2082 व शक संवत् 1947 (विश्वावसु) प्रभावी है.

पंचांग के पांच अंगों का विवरण:

1. तिथि

हिंदू काल गणना के अनुसार, चंद्र रेखांक के सूर्य रेखांक से 12 अंश ऊपर जाने में जो समय लगता है, उसे तिथि कहते हैं. एक माह में 30 तिथियां होती हैं, जो शुक्ल और कृष्ण पक्ष में बंटी होती हैं. शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है. तिथियों के नाम: प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, और अमावस्या/पूर्णिमा.

2. नक्षत्र

आकाश मंडल में तारों का समूह नक्षत्र कहलाता है. कुल 27 नक्षत्र होते हैं, जिनका स्वामित्व नौ ग्रहों को प्राप्त है. नक्षत्रों के नाम: अश्विन, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, और रेवती.

3. वार

वार का अर्थ दिन से है. सप्ताह में सात वार होते हैं, जो ग्रहों के नाम पर आधारित हैं: सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, और रविवार.

4. योग

योग भी 27 प्रकार के होते हैं, जो सूर्य और चंद्र की विशेष दूरियों पर आधारित होते हैं. इनके नाम हैं: विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यतीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र, और वैधृति.

5. करण

एक तिथि में दो करण होते हैं—पूर्वार्ध और उत्तरार्ध में. कुल 11 करण हैं: बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग, और किस्तुघ्न. विष्टि करण को भद्रा कहा जाता है, जिसमें शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं.
पंचांग के माध्यम से आप अपने दिन की शुभ-अशुभ अवधि का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं. यह शुभ कार्यों जैसे विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उपयुक्त समय निर्धारित करने में सहायक होता है.

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-भारत एक्सप्रेस



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