Bharat Express

युद्धक्षेत्र पर्यटन के माध्यम से भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सैन्य धरोहर का अन्वेषण

भारतीय सेना ‘शौर्य गाथा’ और ‘भारत रण भूमि दर्शन’ के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, जिससे न केवल देश की सैन्य विरासत उजागर होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी.

battlefield tourism

भारत के सीमावर्ती क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर हैं. यहाँ के विभिन्न इलाकों में रण उत्सव से लेकर थार रेगिस्तान, जैसलमेर का किला, लोंगेवाला का युद्ध क्षेत्र, पंजाब के हरे-भरे खेत, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर और वाघा बॉर्डर पर होने वाले सांस्कृतिक प्रदर्शन प्रमुख आकर्षण हैं.

इसके अलावा, कश्मीर की हरी-भरी घाटियाँ, लद्दाख का पहाड़ी रेगिस्तान और अरुणाचल प्रदेश की प्राकृतिक छटा भी पर्यटकों को आकर्षित करती है. इन इलाकों में कई ऐतिहासिक युद्धस्थल हैं, जिनमें कारगिल, गलवान, रेजांग ला, नाथू ला और तवांग मठ जैसी जगहें शामिल हैं.

भारत में सैन्य पर्यटन देश की सैन्य विरासत, संस्कृति और देशभक्ति को समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है. युद्ध स्मारकों, संग्रहालयों और ऐतिहासिक युद्धस्थलों की यात्रा न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि देने का माध्यम है, बल्कि यह देश की समृद्ध सैन्य परंपरा को भी दर्शाता है.

परियोजना ‘शौर्य गाथा’ की शुरुआत

देश के नागरिकों को भारतीय सेना की वीरता और गौरवशाली इतिहास से परिचित कराने के लिए, 8 नवंबर 2024 को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) द्वारा ‘शौर्य गाथा’ परियोजना शुरू की गई. यह पहल ‘देखो अपना देश’ अभियान से जुड़ी हुई है, जिसमें प्रत्येक नागरिक को कम से कम दो युद्धस्थलों की यात्रा करने के लिए प्रेरित किया गया है.

इस परियोजना के तहत, स्वतंत्रता पूर्व और स्वतंत्रता के बाद के युद्धस्थलों को चयनित कर सैन्य संग्रहालयों और युद्ध स्मारकों के साथ जोड़ा जाएगा. इससे नागरिकों को भारतीय सैन्य परंपरा की एक व्यापक समझ मिलेगी. इसके अलावा, इस परियोजना के माध्यम से सैन्य पर्यटन को बढ़ावा देकर सीमावर्ती इलाकों के बुनियादी ढांचे को विकसित करने की योजना बनाई गई है.

‘भारत रण भूमि दर्शन’ पहल

सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना ने ‘भारत रण भूमि दर्शन’ पहल की शुरुआत की. 11 सितंबर 2024 को नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में ‘सीमावर्ती क्षेत्र विकास’ पर एक सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू विशेष रूप से शामिल हुए.

इस पहल के तहत, सेना ने लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और सिक्किम के 50 से अधिक दुर्गम क्षेत्रों को घरेलू पर्यटकों के लिए खोलने की योजना बनाई है. इन स्थानों में लद्दाख का रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गाँव डेमचोक भी शामिल है, जो चीन के साथ विवादित क्षेत्र है.

भारतीय सेना गलवान मेमोरियल को भी पर्यटकों के लिए खोलने की योजना बना रही है. ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए टाइगर हिल और कारगिल युद्धस्थल को भी पर्यटन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारत के युद्ध स्थलों का ऐतिहासिक महत्व है और इन स्थानों पर जाने से नागरिकों को देश की सैन्य वीरता की गहरी जानकारी मिलेगी.

सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास

भारतीय सेना और सीमा सड़क संगठन (BRO) ने हाल के वर्षों में सीमा क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे में सुधार किया है. लगभग 8,500 किलोमीटर लंबी सड़कें और 400 से अधिक स्थायी पुलों का निर्माण किया गया है. से ला और शिंकुन ला सुरंगों को भी पूरा किया गया है, जिससे इन क्षेत्रों में यात्रा करना आसान होगा.

इसके अलावा, भारतीय सेना सीमावर्ती क्षेत्रों में चिकित्सा सहायता, राहत सेवाएँ और बचाव कार्य भी कर रही है. इन प्रयासों से स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर में सुधार होगा.

सीमावर्ती क्षेत्रों को पर्यटकों के लिए खोलने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलेगा. होटल, रेस्टोरेंट और स्थानीय हस्तशिल्प व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

देशभर में फैले लगभग 70-75 सैन्य संग्रहालयों की डिजिटल जानकारी के लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जिससे लोग घर बैठे इन संग्रहालयों की समृद्ध सैन्य विरासत को देख सकते हैं.

इसके अलावा, सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित वेब पेज भी बनाया गया है, जहाँ पर्यटकों को यात्रा से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियाँ मिलेंगी.

सीमावर्ती क्षेत्रों को पर्यटन के लिए खोलना न केवल देश की सैन्य विरासत को समझने का अवसर देगा, बल्कि इससे स्थानीय लोगों के लिए नए आर्थिक अवसर भी सृजित होंगे. भारतीय सेना द्वारा उठाए गए ये कदम देशभक्ति को बढ़ावा देने के साथ-साथ ऐतिहासिक स्थलों के महत्व को उजागर करने में मदद करेंगे.

ये भी पढ़ें: म्यांमार में भारत की मानवीय सहायता: फील्ड अस्पताल शुरू, INS Gharial राहत सामग्री लेकर रवाना

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read