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मारुति सुजुकी का जून में निर्यात ऑल-टाइम हाई पर रहा…5,27,861 यूनिट्स की हुई बिक्री

निर्यात सहित कंपनी ने बीते महीने 1,67,993 यूनिट्स की बिक्री की है. इसमें से 1,21,339 यूनिट्स वाहन घरेलू बाजार में बेचे हैं, जबकि 8,812 यूनिट्स दूसरी वाहन कंपनी को बेचे गए हैं.

देश की कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) ने जून 2025 में भारत से 37,842 वाहनों का निर्यात किया है.  यह कंपनी द्वारा वाहन निर्यात का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है, जो दिखाता कि मारुति सुजुकी की वैश्विक स्तर पर उपस्थिति बढ़ रही है.

निर्यात सहित कंपनी ने बीते महीने 1,67,993 यूनिट्स की बिक्री की है. इसमें से 1,21,339 यूनिट्स वाहन घरेलू बाजार में बेचे हैं, जबकि 8,812 यूनिट्स दूसरी वाहन कंपनी को बेचे गए हैं. घरेलू बाजार की बिक्री में 1,18,906 यात्री वाहन और 2,433 लाइट कमर्शियल वाहन (एलसीवी) शामिल हैं.

पिछले साल जून में कंपनी ने घरेलू बाजार में 1,39,918 यूनिट्स यात्री वाहनों की बिक्री की थी, जबकि 31,033 यूनिट्स का निर्यात किया था.

अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने 5,27,861 यूनिट्स की बिक्री की

कंपनी ने जून में मिनी सेगमेंट (ऑल्टो, एस-प्रेसो) के तहत 6,414 यूनिट्स, कॉम्पैक्ट सेगमेंट (बलेनो, स्विफ्ट, वैगनआर, डिजायर, इग्निस, सेलेरियो)में 54,177 यूनिट्स, मध्यम आकार की सेडान (सियाज) के 1,028 यूनिट्स, यूटिलिटी वाहन सेगमेंट (ब्रेजा, फ्रोंक्स, ग्रैंड विटारा, जिम्नी, अर्टिगा, एक्सएल6, इनविक्टो) के तहत 47,947 यूनिट्स, वैन सेगमेंट (ईको) के तहत 9,340 यूनिट्स और लाइट कमर्शियल वाहन सेगमेंट (सुपर कैरी) के तहत 2,433 यूनिट्स की बिक्री की थी.

अप्रैल-जून 2025 तिमाही में कंपनी ने 5,27,861 यूनिट्स की कुल बिक्री दर्ज की है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 5,21,868 यूनिट्स से थोड़ी अधिक है. घरेलू पीवी बिक्री 3,93,572 यूनिट्स पर रही, जबकि तिमाही के लिए निर्यात 96,972 यूनिट्स तक पहुंच गया है.

2019 के बाद से कारों की कीमतों में 70% वृद्धि

मारुति सुजुकी के कॉरपोरेट मामलों के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी राहुल भारती ने कहा, “यात्री वाहनों की बिक्री में मंदी काफी हद तक छोटी कारों की बिक्री में भारी गिरावट के कारण है. ऐतिहासिक रूप से यात्री वाहनों की बिक्री जीडीपी वृद्धि के 1.5 गुना से बढ़ती थी. लेकिन अब 6.5 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि के बाद भी कार बाजार लगभग सपाट है. ऐसा इसलिए है क्योंकि छोटी कार सेगमेंट विकास में बिल्कुल भी भाग नहीं ले रहा है.”

उन्होंने आगे कहा, “2019 के बाद से उद्योग में प्रवेश स्तर की कारों की कीमत में 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जो बड़े पैमाने पर सख्त नियमों कारण है. वहीं, इसी अवधि में छोटी कारों की बिक्री में 70 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है.”


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-भारत एक्सप्रेस



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