
ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग में भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना की दो जांबाज़ महिला अधिकारियों ने देश के सामने सैन्य कार्रवाई की महत्वपूर्ण जानकारी रखी. इन दोनों अधिकारियों ने न केवल भारत के सशस्त्र बलों की ताकत दिखाई, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि देश की बेटियां अब हर मोर्चे पर अग्रणी भूमिका निभा रही हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में:
1. कर्नल सोफिया कुरैशी (भारतीय सेना)
•कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की सिग्नल कोर की अधिकारी हैं.
•वह वर्ष 2016 में ‘एक्सरसाइज फोर्स-18’ (18 देशों का संयुक्त सैन्य अभ्यास) में भारतीय दल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं.
•उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन (यूएन मिशन) के तहत कांगो में छह वर्षों तक सेवा की.
•कर्नल कुरैशी का जन्म वडोदरा, गुजरात में हुआ था। वे एक सैन्य परिवार से आती हैं और बायोकैमिस्ट्री में स्नातकोत्तर हैं.
•ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कर्नल कुरैशी ने सैन्य कार्रवाई की रणनीति और परिणामों को विस्तार से प्रस्तुत किया.
2. विंग कमांडर व्योमिका सिंह (भारतीय वायुसेना)
•विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना की हेलीकॉप्टर पायलट हैं.
•उन्होंने अब तक 2,500 से अधिक उड़ान घंटे पूरे किए हैं और चेतक एवं चीता जैसे हेलीकॉप्टरों का संचालन किया है.
•विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत के दुर्गम इलाकों में कई महत्वपूर्ण मिशन पूरे किए हैं.
•वर्ष 2019 में उन्हें फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन प्राप्त हुआ.
•वर्ष 2021 में वह त्रि-सेवा महिला पर्वतारोहण अभियान का हिस्सा बनीं, जिसमें उन्होंने माउंट मणिरंग (21,650 फीट) फतह किया.
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देश को गर्व से भर दिया. इन दोनों अधिकारियों की भूमिका ने यह साबित कर दिया कि भारतीय सेना और वायुसेना में महिलाएं अब युद्धक्षेत्र से लेकर रणनीतिक मंचों तक हर जगह मजबूती से नेतृत्व कर रही हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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