वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण.
Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश कर रही हैं. बजट में कृषि क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. आज पेश हुए बजट में डेयरी, पशुपालन और मत्स्य पालन को ध्यान में रखते हुए अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को 11 प्रतिशत से बढ़ाते हुए 20 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की गई है.
‘आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम’ का होगा शुभारंभ
आज पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र के लिए घोषणा करते हुए कहा कि सरकार 2,200 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ उच्च मूल्य वाली बागवानी फसलों के लिए रोग मुक्त, गुणवत्ता रोपण सामग्री की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए ‘आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम’ नाम से एक योजना की शुरूआत करेगी.
मछुआरों पर भी ध्यान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की एक नई उप-योजना की भी शुरुआत की जाएगी और यह योजना 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ शुरू की जाएगी. इसका उद्देश्य मछुआरों, मछली विक्रेताओं और सूक्ष्म और लघु उद्यमों की गतिविधियों को और प्रभावी बनाना है. इसके अलावा इसका लक्ष्य मूल्य श्रृंखला क्षमता में सुधार और बाजार का विस्तार करना भी है. इसे लेकर वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा.’’
सरकार बढ़ा रही कृषि क्षेत्र के लिए ऋण लक्ष्य
कृषि ऋण पर आमतौर पर नौ फीसदी की ब्याज दर लगती है. इसके ध्यान में रखते हुए सरकार सस्ती दर पर अल्पकालिक फसल ऋण उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए ब्याज सहायता प्रदान कर रही है.
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किसानों को दी जा रही है सब्सिडी
मौजूदा सब्सिडी को देखा जाए तो किसानों को सात प्रतिशत सालाना की प्रभावी दर पर तीन लाख रुपये तक के अल्पावधि कृषि ऋण पर सरकार दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रदान कर रही है. औपचारिक ऋण सिस्टम में छोटे और सीमांत किसानों के दायरे को बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ने गारंटी-मुक्त कृषि ऋण की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाते हुए 1.6 लाख रुपये करने का फैसला किया है.