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RBI Annual Report: GDP ग्रोथ 6.5% से होने की उम्मीद बरकरार, महंगाई के मोर्चे पर भी मिली सफलता

RBI ने वित्त वर्ष 2024 में GDP ग्रोथ 6.5% रहने के अनुमान को बरकरार रखा है. साथ ही RBI ने देश में महंगाई का खतरा कम होने का दावा किया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

RBI Annual Report: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( RBI ) ने मंगलवार को अपनी सालाना रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ( Central Bank ) ने प्रॉविजन्स और फॉरेन ट्रांजैक्शन में रिकॉर्ड तेजी दर्ज होने का दावा किया है. वित्तीय वर्ष 2022-2023 में RBI ने 1.31 लाख करोड़ रुपए का प्रोविजन किया था. ये 2021-22 के मुकाबले 14% ज्यादा है. इस फाइनेंशियल ईयर में RBI को फॉरेन एक्सचेंज ट्रांजैक्शन से होने वाले मुनाफे में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है. इस बढ़ोत्तरी के बाद ये लाभ 1.03 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है.

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पिछले कुछ वर्षों में आरबीआई के प्रावधानों में तेजी से वृद्धि हुई है, 2021-22 में ग्लोबल ब्याज दरों में वृद्धि के कारण इसमें पांच गुना वृद्धि हुई है जिससे कि ये बढ़कर 1.15 लाख करोड़ रुपये हो गया है. जबकि फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में, ब्याज दरें और ज्यादा बढ़ने के कारण आरबीआई को विदेशी प्रतिभूतियों की अपनी होल्डिंग को कम करने के लिए मजबूर होना पड़ा. नतीजा ये हुआ कि केंद्रीय बैंक का निवेश पुनर्मूल्यांकन खाता-विदेशी प्रतिभूति (IRA-FS) 31 मार्च, 2023 तक नकारात्मक 1.65 लाख करोड़ रुपये पर आ गया.

FY24 में GDP ग्रोथ 6.5% बरकरार

RBI ने वित्त वर्ष 2024 में GDP ग्रोथ 6.5% रहने के अनुमान को बरकरार रखा है. अपनी सालाना रिपोर्ट में RBI ने देश में महंगाई का खतरा कम होने का दावा किया है. इसके साथ ही 2023-24 में महंगाई का अनुमान 5.2% पर बरकरार रखा है. RBI की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘स्थिर एक्सचेंज रेट और सामान्य मॉनसून के साथ – जब तक अल नीनो की घटना नहीं होती है – महंगाई की ट्रैजेक्ट्री 2023-24 से नीचे जाने की उम्मीद है, हेडलाइन महंगाई 6.7% के औसत स्तर से 5.2% नीचे आ रही है.’

हालांकि, RBI ने अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा है कि वैश्विक विकास में धीमी गति, दीर्घकालिक भू-राजनीतिक तनाव और ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम में तनाव की घटनाओं के बाद वित्तीय बाजार की अस्थिरता में संभावित उछाल, विकास के लिए निगेटिव खतरा पैदा कर सकता है.

500 रुपये के नोट का सर्कुलेशन बढ़ा-

सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023 में 500 और 2,000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में करेंसी के हिस्से के रूप में बढ़े हैं. मार्च 2023 में 500 रुपये और 2,000 रुपये के नोटों का हिस्सा बढ़कर 87.9% हो गया जो कि मार्च 2022 में 87.1% था. रिपोर्ट के अनुसार, 2,000 रुपये के नोटों की संख्या घटकर 181 करोड़ रह गई. जबकि 500 रुपये के नोटों का डिनॉमिनेशन 37.9% रिकॉर्ड किया गया.

 Central Bank Digital Currency का होगा विस्तार – 

बैंक ने सालाना रिपोर्ट में  central bank digital currency के पायलट प्रोजेक्ट को वित्तीय वर्ष 2023-24 में विस्तार देने की बात भी कही है. CBDC को ज्यादा बैंकों को शामिल करते हुए थोक के साथ रीटेल ट्रैजेक्शन के लिए भी इस्तेमाल करने की योजना है.

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