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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा- पेंशनभोगियों के बनाए गए 1 करोड़ डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, 30 लाख से अधिक फेस ऑथेंटिकेशन से तैयार

कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, 26 नवंबर, 2024 तक तैयार किए जाने वाले 1 करोड़ डीएलसी में से 30,34,218 यानी 30 प्रतिशत से अधिक चेहरे के प्रमाणीकरण (Face Authentication) के माध्यम से तैयार किए गए थे.

Union Minister Jitendra Singh

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह. (फाइल फोटो)

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने मंगलवार को कहा कि महीने भर चलने वाले विशेष अभियान के दौरान देशभर में पेंशनभोगियों ने एक करोड़ डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाए हैं. इसी महीने की शुरुआत में पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 3.0 की शुरुआत की गई थी.

यह अभियान 1 से 30 नवंबर तक भारत के 800 शहरों और कस्बों में चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा, “पेंशनभोगियों और बुजुर्ग नागरिकों की सुविधा के लिए शुरू किए गए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC ) ने चल रहे अभियान में रिकॉर्ड एक करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है.”

यह अभियान पीएम के विजन को पूरा करेगी

कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि बुजुर्ग नागरिकों के जीवन को आसान बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ के हालिया एपिसोड में व्यक्त किए गए विजन को पूरा करेगी.

अब डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र की सुविधा मिलने से चीजें बहुत आसान हो गई हैं, बुजुर्गों को बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती. बुजुर्गों को तकनीक के कारण किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. बुजुर्गों को तकनीक के प्रति जागरूक बना रहे हैं.

पीएम मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 116वें एपिसोड में कहा था, “ऐसे ही प्रयासों से आज डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र पाने वालों की संख्या 80 लाख को पार कर गई है. इनमें से 2 लाख से ज्यादा बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनकी उम्र 80 साल से भी ज्यादा हो गई है.”

राज्य मंत्री ने कहा कि पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए पीएम मोदी का विजन डीएलसी अभियान 3.0 (DLC 3.0) के सफल कार्यान्वयन के माध्यम से प्राप्त किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख हितधारक पेंशन वितरित करने वाले बैंक, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, रक्षा लेखा महानियंत्रक, रेल मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, डाक विभाग, आईपीपीबी, यूआईडीएआई और पेंशनभोगी कल्याण संघ, इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए पूरी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

फेस ऑथेंटिकेशन से 30 लाख DLC  तैयार

कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, 26 नवंबर, 2024 तक तैयार किए जाने वाले 1 करोड़ डीएलसी में से 30,34,218 यानी 30 प्रतिशत से अधिक चेहरे के प्रमाणीकरण (Face Authentication) के माध्यम से तैयार किए गए थे.

डीएलसी अभियान 3.0 के तहत फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से प्रस्तुत डीएलसी में 202 गुना वृद्धि हुई है. मंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि भारत सरकार की हर पेंशनभोगी के लाभ के लिए डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है.

-भारत एक्सप्रेस



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