

आंचल मित्तल
मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले 29 वर्षीय राजा रघुवंशी और उनकी नई-नवेली पत्नी सोनम की शादी 11 मई 2025 को धूमधाम से हुई थी. यह एक व्यवस्थित विवाह था, जो दोनों परिवारों की सहमति से संपन्न हुआ. शादी के बाद, सोनम के कहने पर दोनों हनीमून के लिए मेघालय के खूबसूरत पहाड़ी इलाके सोहरा (चेरापूंजी) रवाना हुए. 20 मई को शुरू हुआ यह रोमांटिक सफर जल्द ही एक भयावह त्रासदी में बदल गया.
23 मई को पत्नी ने ही पति को मरवा डाला
22 मई को राजा और सोनम मावलाखियात गांव पहुंचे, जहां से उन्होंने नोंग्रियाट के प्रसिद्ध लिविंग रूट ब्रिज तक 3,000 सीढ़ियों की कठिन चढ़ाई की. रात को एक होमस्टे में बिताने के बाद, अगली सुबह यानी 23 मई को वे वहां से निकले. स्थानीय गाइड अल्बर्ट पड़े ने उन्हें आखिरी बार सुबह 10 बजे के आसपास देखा, जब वे तीन अज्ञात पुरुषों के साथ नोंग्रियाट से लौट रहे थे. राजा तीनों पुरुषों के साथ आगे चल रहा था, जबकि सोनम धीरे-धीरे पीछे थी. उसी दिन, उनका किराए का स्कूटर शिलॉन्ग-सोहरा रोड पर एक कैफे के पास लावारिस पाया गया. इसके बाद दोनों का कोई अता-पता नहीं चला.

2 जून को राजा का सड़ा-गला शव खाई में मिला
11 दिन बाद, 2 जून को राजा का सड़ा-गला शव सोहरा के वेइसाडोंग झरने के पास रियात अर्लियांग पार्किंग लॉट में एक गहरी खाई में मिला. उनकी पहचान उनके दाहिने हाथ पर बने टैटू “राजा और एक महिला” और एक स्मार्टवॉच से हुई. पास में ही एक खून से सना ‘दाव’ हथियार (माचेट) मिला, जो मेघालय के पारंपरिक खासी दाओ से अलग था. यह हथियार बिल्कुल नया था, बिना किसी घिसावट के, जिससे पुलिस को शक हुआ कि इसे विशेष रूप से इस हत्या के लिए खरीदा गया था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने सनसनीखेज खुलासा किया कि राजा के सिर पर दो गहरे घाव थे—एक पीछे और एक सामने—जो एक धारदार हथियार से किए गए थे. यह पुष्टि हुई कि यह हत्या सुनियोजित थी. तो वहीं, ‘दाव’ हथियार को इस्तेमाल करने के पीछे की वजह थी कि हत्या का शक किसी लोकल पर ही जाए और हत्या का मकसद लूट-पाट लगे.
8 जून को सोनम अचानक गाजीपुर में दिखी
जांच में तेजी तब आई जब 8 जून को सोनम अचानक उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ढाबे पर दिखी, जहां से पुलिस उसे अपने साथ ले गई. मेघालय पुलिस की विशेष जांच टीम ने तीन अन्य आरोपियों—विशाल चौहान, राज कुशवाहा, और आकाश राजपूत—को इंदौर से गिरफ्तार किया. चौथे आरोपी, आनंद, को सागर जिले के बीना से हिरासत में लिया गया. पूछताछ में पता चला कि सोनम ने अपने कथित प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर इस हत्या की साजिश रची थी. राज कुशवाहा पहले सोनम के पिता के प्लाईवुड कारखाने में बिलिंग विभाग में काम करता था. आरोपियों ने खुलासा किया कि ‘दाव’ हथियार को गुवाहाटी से ऑनलाइन खरीदा गया था, और सोनम ने अपनी लाइव लोकेशन साझा कर हत्यारों को राजा तक पहुंचने में मदद की.
परिजनों ने की सीबीआई जांच की मांग
पुलिस के मुताबिक, हत्या का मकसद लूट नहीं था, क्योंकि राजा के कीमती गहने—जिनमें हीरे की अंगूठी और सोने की चेन शामिल थी—लापता थे, लेकिन यह साजिश का हिस्सा हो सकता था. सोनम के पिता, देवी सिंह, ने अपनी बेटी को निर्दोष बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की, जबकि राजा की मां, उमा रघुवंशी, ने सोनम पर सवाल उठाए. उमा के अनुसार, सोनम ने शादी से पहले राजा से ज्यादा मुलाकात नहीं की थी और हनीमून की योजना भी उसी ने बनाई थी, बिना रिटर्न टिकट बुक किए.
इस मामले ने न केवल इंदौर बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया. राजा के परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की, और उनके घर के बाहर लगे पोस्टर में लिखा था, “मैं मरा नहीं, मुझे मारा गया.” यह कहानी एक प्रेम विवाह की आड़ में छिपी साजिश, विश्वासघात और क्रूर हत्या की दास्तान है, जिसने मेघालय के शांत पहाड़ों को खून से रंग दिया.
यह भी पढ़िए— फरेबी राज का मासूम चेहरा देखकर आपको नहीं होगा यकीन, सच जानकर कांप जाएगी आपकी रूह, देखें वीडियो
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.