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‘चुनाव में उम्मीद के मुताबिक नतीजे न मिले तो ब्रेक लें Rahul Gandhi…’ Prashant Kishor बोले- उन्होंने किसी को पार्टी का चेहरा नहीं बनने दिया

सियासी रणनीतिकार प्रशांत​ किशोर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर कहा कि वे पिछले 10 साल से पार्टी को जिताने का असफल प्रयास कर रहे हैं. इसके बावजूद वे न तो पार्टी से अलग हुए और न ही उन्होंने किसी को पार्टी का चेहरा बनने दिया है.

Prashant Kishor on Rahul Gandhi and congress

प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी पर उठाए सवाल.

Prashant Kishor on Rahul Gandhi and congress: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी-कांग्रेस समेत तमाम दल धुंआधार प्रचार में जुटे हैं. देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने तो घोषणा पत्र भी जारी कर दिया है. इस बीच सियासी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 2024 के आम चुनाव में अगर कांग्रेस को उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिलते हैं तो राहुल गांधी को राजनीति से ब्रेक लेने पर विचार करना चाहिए. प्रशांत किशोर ने ये बाते पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कही.

ब्रेक लेने में कोई बुराई नहीं

प्रशांत ने राहुल गांधी को लेकर कहा कि वे पिछले 10 साल से पार्टी को जिताने के लिए असफल प्रयास कर रहे हैं. इसके बावजूद वे न तो पार्टी से अलग हुए और नहीं उन्होंने किसी को चेहरा बनने दिया है. मेरी नजर में यह लोकतांत्रिक नहीं है. प्रशांत ने कहा कि जब आप पिछले 10 साल से एक ही काम कर रहे हैं और उसमें कोई सफलता नहीं मिलती है, तो ब्रेक लेने में कोई बुराई नहीं है. आपको किसी और को 5 साल काम करने देना चाहिए. आपकी मां ने भी ऐसा ही किया था.

किशोर ने कहा कि 1991 के चुनाव में राजीव गांधी की हार के बाद कांग्रेस नेतृत्व संकट से जूझ रही थी तब पीवी नरसिम्हा राव ने पार्टी की कमान संभाली थी. हालांकि उस समय सोनिया गांधी राजनीति में सक्रिय नहीं थी. उन्होंने भी पति की मौत के बाद ब्रेक लिया था.

राहुल ने जो कहा वो नहीं किया

सियासी रणनीतिकार ने राहुल के अमेठी छोड़़कर वायनाड से चुनाव लड़ने पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि अगर आप यूपी, बिहार, एमपी, राजस्थान जैसे राज्यों में नहीं जीते और केरल में चुनाव जीत गए तो इसका कोई फायदा नहीं है. किशोर ने आगे कहा कि राहुल ने 2019 में चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा था कि वे पीछे हट जाएंगे और किसी और जिम्मेदारी सौंप देंगे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

हार के बाद चुनाव आयोग पर सवाल उठाना गलत

प्रशांत ने कांग्रेस और राहुल गांधी के उन दावों पर भी सवाल उठाया जिसमें चुनावी हार के लिए चुनाव आयोग, न्यायपालिका और मीडिया पर आरोप लगाते रहते हैं. उन्होंने कहा कि यह पूरा सच नहीं है. 2014 के चुनाव में कांग्रेस 206 से घटकर 44 पर आ गई थी. ऐसे में जब वह सत्ता में थी तो भाजपा का संस्थानों पर प्रभाव नहीं के बराबर था.

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