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Lok Sabha Elections Result 2024: गया लोकसभा से 3 बार हारे Jitan Ram Manjhi ने पहली बार दर्ज की जीत

Bihar की गया सीट पर लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था. यह सीट अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित है.

जीतन राम मांझी. (फोटो: IANS)

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) (सेकुलर) के संस्थापक जीतन राम मांझी ने बिहार (Bihar) की गया (Gaya) सीट पर 1,01,812 वोटों से जीत दर्ज की. मांझी ने RJD (राजद) उम्मीदवार कुमार सर्वजीत को हराया. मांझी NDA उम्मीदवार के तौर पर यहां से मैदान में थे.

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, मांझी को 4,94,960 वोट मिले, जबकि राजद उम्मीदवार को 3,93,148 वोटों के साथ संतोष करना पड़ा. गया में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था. यह सीट अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित है.

तीन बार हार का सामना

गया लोकसभा सीट पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी तीन बार अपना भाग्य आजमा चुके हैं, लेकिन तीनों बार उनको हार का सामना करना पड़ा था. पहली बार एनडीए गठबंधन से गया लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और एक लाख से अधिक वोट से जीत हासिल की. इस बार गया सीट पर 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे.


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इससे पहले 1991 में कांग्रेस से, 2014 में जनता दल से और 2019 में महागठबंधन का प्रतिनिधित्व करते हुए मांझी गया से चुनाव मैदान में उतर चुके हैं, लेकिन वह जीत हासिल करने में असफल रहे थे. 1991 में मांझी को जनता दल के राजेश कुमार से हार का सामना करना पड़ा था. कुमार ने 50 प्रतिशत से अधिक मतों से जीत हासिल की थी. इस चुनाव में मांझी ने राजेश कुमार के बेटे कुमार सर्वजीत को मात दी है.

इस सीट पर जदयू (JDU) के विजय कुमार उर्फ ​​विजय मांझी ने 2019 में जीतन राम मांझी को 1,52,426 वोटों से हराया था. इससे पहले 2014 में बीजेपी के हरि मांझी ने आरजेडी के रामजी मांझी को हराकर सीट जीती थी.

बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं मांझी

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष जीतन राम मांझी 2014 से 2015 तक नीतीश कुमार की जदयू पार्टी से जुड़े रहे और बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे. हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद जदयू ने राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ अपना गठबंधन खत्म कर दिया, जिससे मांझी की सरकार में अस्थिरता पैदा हो गई. 10 महीने बाद जदयू ने मांझी से इस्तीफा मांगकर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने को कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया, जिसके कारण जदयू ने मांझी को पार्टी से निकाल दिया.

2015 में बनाया था अपना दल

2014 से पहले मांझी, नीतीश कुमार की कैबिनेट में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रह चुके हैं. वह 1996 से 2005 तक राजद की राज्य सरकार में भी मंत्री रहे – पहले लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री काल में और फिर उनकी पत्नी राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री काल में.

मांझी अपनी यात्रा के दौरान कई राजनीतिक दलों भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (1980-1990), जनता दल (1990-1996), राष्ट्रीय जनता दल (1996-2005) और जदयू (2005-2015) से भी जुड़े रहे. मई 2015 में उन्होंने एक नई राजनीतिक पार्टी – HAM की घोषणा की थी.

-भारत एक्सप्रेस

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