फाइल फोटो-सोशल मीडिया
Amethi Lok Sabha Elections-2024: देश में लोकसभा चुनाव की लहर चल रही है. दो चरण के मतदान भी हो चुके है तो अब उन सीटों को लेकर राजनीतिक दलों ने कवायद शुरू कर दी है, जिसमें तीसरे चरण की वोटिंग होने वाली है. इसके तहत यूपी की वीआईपी सीटों में से एक मानी जाने वाली अमेठी सीट को लेकर भी चर्चा जोरों पर है. यहां 7 मई को तीसरे चरण की वोटिंग होगी. नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है लेकिन अभी तक कांग्रेस की ओर से इस सीट पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है.
अमेठी को हमेशा से ही कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है लेकिन पिछले चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हरा दिया था और इस बार भी यहां से स्मृति ही मैदान में हैं. तो वहीं इस सीट पर कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस एक बार फिर से राहुल गांधी को ही उतार सकती है. हालांकि बीच-बीच में उनके जीजा यानी प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का नाम भी सामने आ रहा है. तो वहीं ताजा सुगबुगाहट सामने आ रही है कि कांग्रेस इस सीट पर 1981 की रणनीति को दोहराने जा रही है. दरअसल उस समय टिकट घोषित होने के दिन ही राजीव गांधी यानी राहुल गांधी के पिता ने पर्चा भरा था.
नामांकन शुरू होने के बाद ही राजीव गांधी के नाम की हुई थी घोषणा
कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेताओं द्वारा दावा किया जा रहा है कि अमेठी से राहुल गांधी ही चुनाव लड़ेंगे और जिस दिन उनका टिकट घोषित होगा, उसी दिन वह नामांकन भी करा लेंगे. फिलहाल यहां पर नामांकन शुरू हो चुका है और 3 मई तक नामांकन प्रक्रिया चलेगी. ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी वर्ष 1981 के उपचुनाव का इतिहास दोहराने वाली है. उस वक्त कांग्रेस ने नामांकन शुरू होने के बाद प्रत्याशी उतारा था. इस सम्बंध में कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने दावा किया है कि अमेठी से राहुल गांधी ही चुनाव लड़ेंगे. तो वहीं वरिष्ठ कांग्रेसी महेंद्र तिवारी कहते हैं, ऐसा पहली बार नहीं है जब नामांकन शुरू होने पर भी पार्टी का प्रत्याशी मैदान में नहीं है. वह कहते हैं कि इससे पहले 1981 में ऐसा हो चुका है. तब के चुनाव में कांग्रेस ने राजीव गांधी के नाम की घोषणा नामांकन शुरू होने के बाद की थी, जिस दिन राजीव उम्मीदवार घोषित हुए, उसी दिन उन्होंने नामांकन किया था.
भाजपा के अलावा अभी किसी भी पार्टी का प्रत्याशी नहीं है मैदान में
अमेठी में फिलहाल भाजपा ने ही अपना प्रत्याशी उतारा है. सांसद स्मृति ईरानी यहां पर लगातार चुनावी प्रचार करने में जुटी हैं. तो वहीं यहां पर किसी अन्य राजनीतिक दल ने अभी तक अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. बसपा भी सपा-कांग्रेस गठबंधन के कदम का इंतजार कर रही है. तो वहीं कांग्रेस और सपा में गठबंधन होने के नाते यहां पर कांग्रेस को ही अपना प्रत्याशी उतारना है. फिलहाल अभी तक कांग्रेस के सामने उम्मीदवार को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
-भारत एक्सप्रेस
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