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बांग्लादेश छोड़ भारत आईं Sheikh Hasina तो Kangana Ranaut ने खोली लोगों की आंखें, बोलीं- ‘मुस्लिम देशों में अब…’

Kangana Ranaut News: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ भारत आने को लेकर कंगना रनौत ने कहा कि हम सम्मानित और खुश हैं कि शेख हसीना भारत में सुरक्षित महसूस करती हैं.

Kangana Ranaut and Sheikh Hasina

कंगना रनौत और शेख हसीना

Kangana Ranaut On Sheikh Hasina: बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच शेख हसीना ने हाल ही में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और भारत आ गई. उनकी सरकार के इस कदम के खिलाफ देश में कई महीनों तक हिंसक प्रदर्शन हुए थे. वे अपना देश छोड़कर चली गईं और सोमवार को उन्हें सैन्य हेलीकॉप्टर से भारत ले जाया गया. इस पूरे मामले पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुईं हैं. वहीं अब इस पर रिएक्शन देते हुए अभिनेत्री से राजनीतिज्ञ बनीं कंगना रनौत ने कहा कि वे इस बात से सम्मानित हैं कि शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़ भारत में सुरक्षित महसूस करती हैं.

राम राज्य क्यों? खैर यह जाहिर है क्यों’

कंगना ने अपने लिखे पोस्ट में लोगों की सोच पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि जो लोग ये पूछते हैं कि राम राज्य क्यों आना चाहिए? तो बांग्लादेश में हो रही हिंसा उनके लिए सटीक जवाब है. कंगना ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा- ‘भारत हमारे आस-पास के सभी इस्लामी गणराज्यों की मूल मातृभूमि है. हम सम्मानित महसूस करते हैं और खुश हैं कि बांग्लादेश के माननीय प्रधानमंत्री भारत में सुरक्षित महसूस करती हैं, लेकिन वे सभी जो भारत में रहते हैं और पूछते रहते हैं कि हिंदू क्यों राष्ट्र? राम राज्य क्यों? खैर यह जाहिर है क्यों.’

मुस्लिम देशों में कोई भी सुरक्षित नहीं

उन्होंने आगे कहा- ‘मुस्लिम देशों में कोई भी सुरक्षित नहीं है. यहां तक कि खुद मुसलमान भी नहीं. अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश और ब्रिटेन में जो कुछ भी हो रहा है, वो दुर्भाग्यपूर्ण है. हम भाग्यशाली हैं कि हम राम राज्य में रह रहे हैं. जय श्री राम!!’ सिर्फ कंगना ही नहीं बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर ने भी सोशल मीडिया पर बांग्लादेश के हालातों पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने इंस्टाग्राम पर स्टोरी शेयर कर लिखा- ‘ये भयानक है. आइए हम सब बांग्लादेशी लोगों के लिए प्रार्थना करें’.

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क्या था पूरा मामला?

शेख हसीना सरकार ने 1971 में बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए कई सिविल सेवा सर्विसेज में आरक्षण का ऐलान किया था. इसका विरोध करते हुए भारी तादाद में छात्र सड़कों पर उतर आए थे. भारी विरोध झेलने के बाद सरकार ने कोटा कुछ हद तक वापस ले लिया था.

इसके बावजूद भी छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा. क्योंकि शेख हसीने ने विरोध प्रदर्शन के बाद व्यवस्था बहाल करने के लिए सेना को बुलाया था. इस दौरान हुई हिंसा में सैकड़ों छात्र की मौत हुई थी. जिसके बाद मामला और बढ़ गया. बता दें कि भारत में रुकने के बाद हसीना के लंदन जाने की संभावना है.

-भारत एक्सप्रेस 

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