
रहस्यमयी बीमारी को लेकर केंद्र की टीम राजौरी पहुंची
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बुधल गांव में ‘रहस्यमयी बीमारी’ से हुई 16 मौतों ने पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है. दिसंबर 2024 से अब तक इस बीमारी के कारण 16 लोगों की जान जा चुकी है. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक विशेष टीम ने आज बुधल गांव का दौरा किया और मृतकों के परिजनों से मुलाकात की.
गृह मंत्रालय की टीम का दौरा
गृह मंत्रालय द्वारा भेजी गई इस टीम में स्वास्थ्य विशेषज्ञ, महामारी वैज्ञानिक और केंद्रीय अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी शामिल थे. टीम ने मृतकों के परिवारों से उनकी समस्याएं और परिस्थितियां समझीं और इस रहस्यमयी बीमारी से जुड़े मामलों का विस्तृत आकलन किया. उन्होंने गांव के अन्य निवासियों से बातचीत कर इस बीमारी के लक्षण, प्रसार के संभावित कारणों और इसके प्रभाव के बारे में जानकारी जुटाई.
रहस्यमयी बीमारी के लक्षण और जांच
स्थानीय निवासियों के अनुसार, बीमारी के लक्षणों में तेज बुखार, गंभीर थकान, उल्टी और सांस लेने में दिक्कत शामिल हैं. हालांकि, अभी तक डॉक्टर इस बीमारी का सटीक कारण समझने में असमर्थ हैं. स्थानीय अस्पतालों में मौजूद सीमित स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते स्थिति और गंभीर हो गई है. अब तक इस बीमारी का कोई नाम या उपचार निर्धारित नहीं किया गया है, लेकिन इस स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक उच्चस्तरीय मेडिकल टीम को भी गांव भेजा है. यह टीम सैंपल इकट्ठा कर रही है और प्रभावित व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांच कर रही है.
गांव के लोग लगातार इस बीमारी से भयभीत हैं. कई परिवार अपने घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं. कुछ परिवारों ने गांव छोड़ने की योजना भी बनाई है.
मामले की गहन निगरानी की जा रही है
गृह मंत्रालय ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर तत्काल जांच और राहत के आदेश दिए हैं. एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के तहत इस मामले की गहन निगरानी की जा रही है. इसके साथ ही क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए डॉक्टरों और मेडिकल उपकरणों की एक टीम तैनात की गई है.
स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है. उन्होंने क्षेत्र में जागरूकता अभियान शुरू किया है ताकि लोग इस बीमारी के लक्षणों को समझ सकें और समय रहते चिकित्सा सुविधा प्राप्त कर सकें.
जानें क्या कहता है डेटा
केंद्रीय टीम द्वारा जमा किए गए डेटा के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इस रिपोर्ट से न केवल बीमारी के कारणों का पता लगाने में मदद मिलेगी, बल्कि इसे नियंत्रित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे. बुधल गांव के हालात ने न केवल स्थानीय प्रशासन, बल्कि केंद्र सरकार को भी हिला कर रख दिया है. अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में सरकार इस रहस्यमयी बीमारी को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाती है.
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-भारत एक्सप्रेस
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