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भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की सूची का आदान-प्रदान, जानिए इस समझौते की अहमियत

भारत और पाकिस्तान के बीच 34वां निरंतर आदान-प्रदान हुआ, जो परमाणु सुरक्षा और विश्वास निर्माण में अहम कदम है. दोनों देशों को अपनी परमाणु सुविधाओं की जानकारी देने का दायित्व है.

india pak flag

Nuclear Exchange Between India Pak: भारत और पाकिस्तान के बीच आज 34वां निरंतर आदान-प्रदान हुआ, जो 1 जनवरी 1992 से जारी है. यह प्रक्रिया दोनों देशों के बीच परमाणु सुरक्षा और विश्वास निर्माण उपायों के रूप में अहम भूमिका निभाती है.

विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि यह आदान-प्रदान दोनों देशों के परमाणु प्रतिष्ठानों को सुरक्षित रखने और पारस्परिक समझौतों के पालन में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके तहत दोनों देशों को एक-दूसरे को अपनी परमाणु सुविधाओं के बारे में जानकारी देने का दायित्व है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है और संभावित संघर्षों को टाला जा सकता है.

यह समझौता 31 दिसंबर 1988 को साइन हुआ था और 27 जनवरी 1991 को प्रभावी हुआ था. इस समझौते के तहत, भारत और पाकिस्तान हर साल की पहली तारीख को एक-दूसरे को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की सूची सूचित करते हैं.

यह आदान-प्रदान ऐसे समय में हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में उतार-चढ़ाव जारी हैं. ऐसे कदम दोनों देशों के बीच विश्वास निर्माण और स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक संकेत प्रदान करते हैं.



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