Bharat Express

मोदी-केंद्रित अभियान और डबल इंजन का वादा…मध्य प्रदेश में कांग्रेस का सूफड़ा साफ करने में काम कर गई BJP की ये 5 रणनीति

ज़मीन पर कांग्रेस का अभियान अदृश्य था और सोशल मीडिया पर बहुत अधिक निर्भर. परिणामस्वरूप, ऐसा लगता है कि पार्टी अपनी बात ज़मीन पर रखने में विफल रही है, पार्टी मतदाताओं तक पहुंचने के लिए उम्मीदवारों पर निर्भर है.

BJP Flag

BJP

MP Election Results: बीजेपी मध्य प्रदेश में एक शानदार जीत के साथ सत्ता में लौटने की कगार पर है. अब कांग्रेस के पास राज्य की 230 सीटों में से केवल एक अंश ही रह गया है. भाजपा के खाते में लगभग 164 सीट जाती दिख रही हैं वहीं 63 सीटों पर समिटती नजर आ रही है. पिछले 20 वर्षों में से 18 वर्षों तक राज्य पर शासन करने के बावजूद, भाजपा सत्ता विरोधी लहर के किसी भी प्रभाव से बचती रही है. यहां पांच कारक हैं जिन्होंने पार्टी को मध्य प्रदेश में सत्ता में आने में मदद की.

मोदी-केंद्रित अभियान

“मोदी के मन में एमपी, एमपी के मन में मोदी” अभियान ने कांग्रेस के कल्याणकारी वादों को नुकसान पहुंचाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी 14 रैलियों के माध्यम से मतदाताओं को यह समझाने में सफल रहे कि उनका मध्य प्रदेश पर विशेष ध्यान है.

कल्याण कार्यक्रम

मध्य प्रदेश का चुनाव अभियान कल्याणकारी कार्यक्रमों की लड़ाई बन गया है, जिसे भाजपा जीतती दिख रही है. सत्तारूढ़ दल की लाडली बहना और किसान सम्मान निधि कार्यक्रमों ने जनता का विश्वास बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस नवंबर में दोनों योजनाओं के लाभार्थियों को उनके खातों में क्रमशः ₹1,250 और ₹10,000 प्राप्त हुए, जिससे मतदान से कुछ सप्ताह पहले मतदाताओं का विश्वास बढ़ा. भाजपा एक ऐसी छवि बनाने में भी सफल रही जिससे उसे महिलाओं, गरीब मतदाताओं के साथ-साथ दलितों और आदिवासी लोगों के बीच मदद मिली.

डबल इंजन का वादा

राज्य और केंद्रीय नेताओं का आक्रामक अभियान यह संदेश देने में सक्षम था कि एक “डबल इंजन” सरकार राज्य के निवासियों के लिए बेहतर परिणाम देगी, जैसा कि पिछले नौ वर्षों से किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: CG Results 2023: छत्तीसगढ़ में इन 5 वजहों से हुआ CM भूपेश बघेल का Good Bye! जानें BJP ने कहां मारी बाजी

कांग्रेस का अभियान

ज़मीन पर कांग्रेस का अभियान अदृश्य था और सोशल मीडिया पर बहुत अधिक निर्भर. परिणामस्वरूप, ऐसा लगता है कि पार्टी अपनी बात ज़मीन पर रखने में विफल रही है, पार्टी मतदाताओं तक पहुंचने के लिए उम्मीदवारों पर निर्भर है. इसके विपरीत, अक्टूबर में चुनाव की तारीखों की घोषणा होने से काफी पहले ही बीजेपी कैडर नतीजों से सीधे जुड़ने में सक्षम था. मूलतः, कांग्रेस अपने घोषणापत्र के 1,2 वादों में से अधिकांश को लोगों तक पहुंचाने में विफल रही.

बीजेपी ने कांग्रेस को पछाड़ा

भाजपा ने 2022 के मध्य में चुनावों पर काम करना शुरू कर दिया और पिछले चुनावों में हारी हुई सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा जल्दी कर दी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के प्रत्येक मंडल में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कीं और उनकी टीम ने नेताओं के साथ दिए गए निर्देशों का बारीकी से पालन किया. इससे भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर को मात देने में मदद मिली.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read