लोकटक झील.
भीड़भाड़ और अत्यधिक पर्यटन को कम करने के लिए छह पूर्वोत्तर राज्यों में आठ कम प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को लगभग 800 करोड़ रुपये की लागत से प्रतिष्ठित स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा. मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम और त्रिपुरा में फैली इन परियोजनाओं को इस सप्ताह व्यय विभाग (Department oF Expenditure) द्वारा मंजूरी दी गई.
अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि एक्सपेंडिचर विभाग द्वारा फंड जारी कर दिया गया है. पहली किस्त में कुल स्वीकृत राशि का 66% हिस्सा सीधे संबंधित राज्यों को भेजा गया है. पर्यटन मंत्रालय इसकी निगरानी करेगा. उन्होंने कहा कि राज्यों को परियोजनाओं को पूरा करने के लिए दो साल का समय दिया गया है और मार्च 2026 से पहले फंड जारी कर दी जाएगी.
स्वीकृत परियोजनाओं में सिक्किम के नाथुला में सीमा (97.37 करोड़ रुपये), त्रिपुरा के गोमती में 51 शक्तिपीठ पार्क (97.7 करोड़ रुपये), मणिपुर में लोकटक झील (Loktak Lake) (89.48 करोड़ रुपये), शिलांग में उमियम झील (99.27 करोड़ रुपये), गुवाहाटी में असम राज्य चिड़ियाघर (97.12 करोड़ रुपये) (Guwahati Zoo) और अरुणाचल के पासीघाट में सियांग इको-रिट्रीट (46.48 करोड़ रुपये) शामिल हैं.
यह 40 परियोजनाओं का हिस्सा है
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने कहा कि ये 23 राज्यों में फैली 3,295 करोड़ रुपये से अधिक की 40 परियोजनाओं का हिस्सा हैं, जिन्हें केंद्र ने देश भर में पर्यटकों के अधिक संतुलित वितरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मंजूरी दी है. अधिकारियों ने बताया कि शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुसार, पर्यटन मंत्रालय ने प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के विकास के लिए पूंजी निवेश के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष सहायता (SASCI) के लिए परिचालन दिशानिर्देश जारी किए हैं.
पर्यटन मंत्रालय ने राज्य सरकारों को SASCI दिशानिर्देश जारी करते हुए उन परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव तैयार करने और प्रेजेंट करने का अनुरोध किया है जो प्रकृति में प्रतिष्ठित हैं और लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन सकता है. अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर, 2024 तक 8,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले कुल 87 परियोजना प्रस्ताव प्राप्त हुए.
इसके बाद पर्यटन मंत्रालय ने 23 राज्यों में 3,295.76 करोड़ रुपये की लागत से 40 परियोजनाओं को शॉर्टलिस्ट किया, जिन्हें अब मंजूरी दे दी गई है. अन्य चयनित स्थलों में मत्स्यगंधा झील, सहरसा (बिहार), प्रस्तावित टाउन स्क्वायर, पोरवोरिम (गोवा), ओरछा (मध्य प्रदेश) आदि शामिल हैं.
50 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त कर्ज देना है
पर्यटन मंत्री ने काजीरंगा में हाल ही में संपन्न 12वें अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट के अवसर पर संवाददाताओं को बताया कि इस योजना का उद्देश्य राज्यों को 50 वर्षों के लिए दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करना है, ताकि वे प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों का व्यापक विकास कर सकें और वैश्विक स्तर पर उनकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग कर सकें.
मंत्रालय ने कहा, “कम प्रसिद्ध स्थलों पर ध्यान केंद्रित करके, मंत्रालय समग्र पर्यटन अनुभव को बढ़ाने, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने और नई परियोजना चयन के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण के माध्यम से इस क्षेत्र में सतत विकास सुनिश्चित करने की उम्मीद करता है.” यह राज्य सरकारों को सार्वजनिक-निजी निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहा है. परियोजनाओं के लिए भूमि की संबंधित राज्यों द्वारा प्रदान जाएगी.
पर्यटकों की संख्या में 205% की वृद्धि हुई
आईटीएम में बोलते हुए अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू ने कहा कि पिछले एक दशक में राज्य में पर्यटकों की संख्या में 205% की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा, “तिब्बत की सीमा से लगे गांवों में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिसके लिए राज्य सरकार, केंद्र और सेना मिलकर काम कर रहे हैं.”
-भारत एक्सप्रेस
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