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सदन में वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे अधीर रंजन चौधरी!, लोकसभा से निलंबन के बाद बोले- सरकार ने संसदीय परंपराओं की धज्जियां उड़ाईं

Adhir Ranjan Chowdhury: संसद के मानसून सत्र के दौरान कई विपक्षी सांसदों को सदन से निलंबित किया जा चुका है. इसके बाद से विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के नेता सरकार लगातार प्रहार कर रहे हैं. वहीं अब कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर निलंबन वापस नहीं होता है तो वह सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला ले सकते हैं. कांग्रेस सांसद ने बताया कि इस बारे में विचार विमर्श चला रहा है.

बता दें कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर गुरुवार को उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया था और उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया था.

‘हम लोग सभी नियमों और परंपराओं को मानते हैं’

कांग्रेस सांसद चौधरी ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि, ‘‘जरूरत पड़ी तो उच्चम न्यायालय जा सकते हैं, इसको लेकर विचार विमर्श कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मुझे जब भी संसद की विशेषाधिकार समिति के पास बुलाया जाएगा, तो मैं जरूर जाऊंगा. हम लोग सभी नियमों और परंपराओं को मानकर चलते हैं.’’ उनके मुताबिक, उन्होंने उपमा के तौर पर कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया जिनका मकसद किसी का अपमान करना नहीं था. मैंने सदन में जो बात कही उसमें मुझे गलती नहीं लगती. हो सकता है कि यह सरकार आगे भगवा शब्दकोश बना दे और तय करे कि विपक्ष के लोग कौन-कौन से शब्द का इस्तेमाल करेंगे.’’

यह भी पढ़ें- “जब हमारी आस्थाओं पर हमले हो रहे थे, हमारी पहचान मिटाने की… तब”, संत रविदास मंदिर के शिलान्यास के बाद बोले PM मोदी

‘सरकार ने संसदीय परंपराओं की धज्जियां उड़ाईं’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूछना चाहता हूं कि ‘नीरव’ का मतलब क्या होता है. मैंने किसी को आहत करने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था. क्या अपने मन की बात करना गलत है, नाजायज है?’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने जब दो घंटे तक मणिपुर की बात नहीं की तो विपक्ष को सदन से वॉकआउट करना पड़ा. चौधरी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ तीन मिनट तक मणिपुर को लेकर बात की. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस सत्र में नियमों और संसदीय परंपराओं की धज्जियां उड़ाईं और अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा किए जाने के बाद भी कई विधेयक पारित करवा लिए गए.

– भारत एक्सप्रेस

 

Rahul Singh

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