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‘MSP पर खरीदे जाएंगे सभी कृषि उत्पाद’, कृषि मंत्री शिवराज चौहान बोले- यह मोदी सरकार की गारंटी, इसे हम पूरा करेंगे

संसद में कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब उसने कभी MSP पर किसानों का उत्पाद नहीं खरीदा. मगर हम सभी कृषि उत्पादों को MSP पर खरीदेंगे. अगर किसान को किसी फसल में नुकसान होगा, तो हम मुआवजा भी देंगे.

Shivraj Singh Chauhan

शिवराज सिंह चौहान

Modi Government On MSP: किसानों के MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को कानूनी गारंटी देने की मांग के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज संसद यह घोषणा की कि मोदी सरकार सभी कृषि उत्पादों को MSP पर खरीदेगी. उनका यह बयान तब आया है, जब हजारों किसान दिल्ली की ओर मार्च करते हुए इस मुद्दे पर सरकार से कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं.

शुक्रवार को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश द्वारा MSP मुद्दे पर सवाल पूछे गए थे. जिस पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “हमारी योजना है कि मोदी सरकार दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर काम करेगी, हम उत्पादन बढ़ाएंगे, उत्पादन की लागत कम करेंगे और उपज का उचित मूल्य देंगे. अगर किसान को किसी फसल में नुकसान होगा, तो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत उसे मुआवजा मिलेगा.”

‘अभी 23 फसलों को MSP पर खरीदा जा रहा’

कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार 23 आवश्यक फसलों के MSP को तय करती है, ताकि किसानों को कोई आर्थिक नुकसान न हो. हालांकि, सरकार केवल गेहूं और चावल की ही पर्याप्त मात्रा में MSP पर खरीद करती है, जबकि किसान सभी फसलों के लिए MSP की कानूनी गारंटी चाहते हैं.

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किसान आंदोलन और सरकार की प्रतिक्रिया

किसान संगठनों ने MSP की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है. यह आंदोलन 2021 के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद एक बार फिर सक्रिय हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप सरकार ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिया था.

आज कृषि मंत्री ने राज्यसभा में यह भरोसा दिलाया कि सरकार सभी कृषि उत्पादों को MSP पर खरीदेगी. उन्होंने यह भी कहा, “यह मोदी सरकार की गारंटी है, और हम इसे पूरा करेंगे.”

कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर बोला हमला

कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब उसने कभी MSP पर किसानों का उत्पाद नहीं खरीदा और किसान “खून के आंसू” बहाते रहे. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस ने MS स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से भी इनकार किया था, जो किसानों को उत्पादन की लागत से 50% अधिक मूल्य देने की बात करती थीं.

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