प्रो. नईमा गुलरेज (फोटो-सोशल मीडिया)
AMU News: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) किसी न किसी वजह से लगातार विवादों में बना हुआ है. फिलहाल ताजा मामला नए वीसी के चयन को लेकर सामने आ रहा है. देश के इस जाने-माने विश्वविद्यालय में फिलहाल बड़े बदलाव की आहट सुनाई पड़ रही है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो विश्वविद्यालय को पहली बार महिला वीसी मिल सकती है, लेकिन उनके नाम को लेकर हंगामा खड़ा होने की भी सम्भावना जताई जा रही है. वैसे तो AMU कैंपस लगातार मजहबी नारों, विरोध प्रदर्शनों और छात्रों के आपसी झगड़ों को लेकर अक्सर खबरों में रहता है. कुछ मामलों में तो एएमयू के तार आतंकवादियों से भी जुड़े मिले. कुछ ही हफ्ते पहले ISIS से संबंध के आरोप में एक छात्र को गिरफ्तार भी किया गया. हालांकि अगर महिला वीसी बनती हैं तो एएमयू का देश भर में मान-सम्मान बढ़ जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक, आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कोर्ट की वीसी को लेकर बैठक है. खबर सामने आ रही है कि यूनिवर्सिटी के नए वीसी को लेकर तीन नामों में से किसी एक पर फैसला आना है. इसके लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का एग्जीक्यूटिव काउंसिल पहले ही पांच लोगों का पैनल तैयार कर चुका है. बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी देश का इकलौता ऐसा विश्वविद्यालय है, जो अपना वाइस चांसलर खुद चुनता है. बाकी यूनिवर्सिटी की तरह कोई सर्च कमेटी वीसी के लिए पैनल नहीं तैयार करती है.
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पहली बार की गई है किसी महिला के नाम की सिफारिश
मिली जानकारी के मुताबिक, एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने पहली बार किसी महिला को वीसी के नाम की सिफारिश की है. दरअसल बैठक में नईमा गुलरेज के नाम को भी वीसी के लिए चुना गया है. वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक वीसी मोहम्मद गुलरेज की पत्नी हैं. खबर सामने आ रही है कि कार्यवाहक वीसी की पत्नी होने की वजह से कुछ लोग इस मामले को लेकर विवाद खड़ा कर रहे हैं. हालांकि कहा जा रहा है कि AMU कोर्ट की बैठक में उनके नाम पर भी मुहर लग सकती है. अगर ऐसा होता है तो एएमयू का इतिहास बदल जाएगा.
कोर्ट में ये लोग हैं शामिल
बता दें कि AMU कोर्ट में 87 मेंबर शामिल हैं. इनमें दस सांसदों के साथ ही देश के कुछ फेमस लोगों के नाम भी शामिल है, जिसमें से भाजपा के महेश शर्मा, राजवीर सिंह तो वहीं कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी और बसपा के कुंवर दानिश अली का नाम भी सांसदों की लिस्ट में शामिल हैं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीसी रहे तारिक मंसूर अब भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं औऱ वह भी AMU कोर्ट के मेंबर हैं. अगर नाईमा गुलरेज के वीसी बनने की बात पर सूत्रों की मानें तो मंसूर भी चाहते हैं कि वही वीसी बनें. हांलिक इस मामले में लोग ये भी आरोप लगा रहे हैं कि नईमा के नाम पर तारिक मंसूर ही अप्रत्यक्ष तौर पर वीसी के अधिकार का इस्तेमाल करेंगे.
नईमा गुलरेज को इसका भी मिल सकता है लाभ
मालूम हो कि प्रोफेसर नईमा गुलरेज पसमांदा समाज से आती हैं. वहीं मुसलमानों में इस पिछड़े तबके के विकास और बेहतरी को लेकर पिछले कुछ दिनों से पीएम नरेन्द्र मोदी भी वकालत कर रहे हैं और भाजपा लगातार पसमांदा समाज को आगे बढ़ाने के लिए वादे कर रही है. प्रधानमंत्री की इच्छा रही है कि महिलाएं नेतृत्व करें. इन सबको देखते हुए ही नईमा गुलरेज के नाम पर मुहर लगने के चर्चे को सही माना जा रहा है. हालांकि महिला होने के नाते पुराने तरीके से सोचने वाले लोग उनका विरोध कर रहे हैं और AMU की कमान किसी महिला को देने के पक्ष में नहीं हैं. फिलहाल फैसला देश की राष्ट्रपति की ओर से आना है. गौरतलब है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कोर्ट की तरफ से भेजे गए पैनल में से एक पर राष्ट्रपति अपनी सहमति देते हैं और फिर वही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का नया वीसी हो सकता है.
हिजाब का विरोध करने वाले प्रोफेसर फैजान मुस्तफा का नाम भी लिस्ट में शामिल
बता दें कि एएसयू के वीसी बनने की दौड़ में प्रोफेसर फैजान मुस्तफा का नाम भी शामिल है. उनके नाम पर भी संभावना जताई जा रही है कि वह भी वीसी बन सकते हैं. बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय के एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने वीसी के लिए मुस्तफा के पक्ष में भी वोट किया है. बता दें कि वह AMU के लॉ डिपार्टमेंट के हेड हैं और वह हैदराबाद में NALSAR के भी वीसी रह चुके हैं. कर्नाटक में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब को लेकर जो हंगामा हुआ था, उसमें उन्होंने कहा था कि मुस्लिम लड़कियों के लिए हिजाब से ज्यादा जरूरी तालीम है. इस पर उन्हें मुस्लिम मौलाना और उलेमाओं के विरोध का सामना भी करना पड़ा था.
-भारत एक्सप्रेस
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