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‘क्या आप बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार का विरोध करेंगे?’ मोहनदास पई ने यूनुस सरकार का समर्थन करने वाले कारोबारी पर साधा निशाना

भारतीय-अमेरिकी कारोबारी विनोद खोसला ने बीते 7 अगस्त को एक पोस्ट में शेख हसीना शासन के पतन के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए मुहम्मद यूनुस को चुने जाने पर उत्साह व्यक्त किया था.

मोहनदास पई (बाएं) और विनोद खोसला.

Infosys के पूर्व एक्जीक्यूटिव मोहनदास पई (Mohandas Pai) ने भारतीय-अमेरिकी व्यवसायी विनोद खोसला (Vinod Khosla) पर उनके ‘बहुत करीबी दोस्त’ नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के नेतृत्व में बांग्लादेश में ‘अल्पसंख्यक हिंदुओं के नरसंहार’ (Genocide of Hindus) के खिलाफ आवाज न उठाने के लिए निशाना साधा.

पई की टिप्पणी खोसला द्वारा 7 अगस्त को पोस्ट की गई थी, जिसमें व्यवसायी ने शेख हसीना (Sheikh Hasina) शासन के पतन के बाद बांग्लादेश (Bangladesh) में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए मुहम्मद यूनुस को चुने जाने पर उत्साह व्यक्त किया था.

पई ने क्या कहा

सोशल मीडिया पर ज्वलंत मुद्दों पर मुखर नजर आने वाले पई ने सोशल साइट एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘क्या आप बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के नरसंहार के खिलाफ विरोध करेंगे, जिसका नेतृत्व आपके बहुत करीबी मित्र मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं? सड़कों पर जिहादी चरमपंथियों द्वारा हिंदुओं को पीटा और मारा जा रहा है और यूनुस आप जैसे लोगों की प्रशंसा पर गर्व महसूस कर रहे हैं. कृपया मानवाधिकारों के लिए खड़े हों.’

खोसला ने क्या बोला था

बीते 7 अगस्त को खोसला ने एक रिपोर्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगे. मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं और बहुत उत्साहित हूं.’ उस समय भी सन माइक्रोसिस्टम्स के सह-संस्थापक को बांग्लादेश में हिंसा पर अपनी आवाज न उठाने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.


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2023 में खोसला वैश्विक नेताओं के एक समूह में शामिल थे, जिन्होंने मोहम्मद यूनुस की भलाई के लिए ‘गहरी चिंता’ व्यक्त करते हुए बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को एक खुला पत्र लिखा था. अपने कई लेखों में खोसला ने उल्लेख किया है कि वह यूनुस को एक दोस्त मानते हैं जिन्हें वह दशकों से जानते हैं.

चिन्मय दास की गिरफ्तारी

पई की यह टिप्पणी बांग्लादेश में हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों द्वारा मंदिरों को निशाना बनाए जाने के बाद पैदा हुई अशांति के बीच आई है. खबरों के अनुसार, पिछले दो महीनों में 200 से ज्यादा मंदिरों को निशाना बनाया गया है.

इस्कॉन के सदस्य रहे चिन्मय दास को बांग्लादेश में इस सप्ताह की शुरुआत में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद पड़ोसी देश में हिंदू समुदाय में भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है.

-भारत एक्सप्रेस



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