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भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय ने पौधरोपण अभियान का किया शुभारंभ, 5 लाख पौधे लगाने का लिया संकल्प

Bharat Express CMD Upendra Rai In Ghazipur: भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने शनिवार (3 अगस्त) को अपने गृह जिले उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पौधरोपण अभियान का शुभारंभ किया. जिले के मोहम्मदाबाद स्थित अष्ट शहीद इंटर कॉलेज पहुंचे सीएमडी उपेंद्र राय ने इस दौरान पेड़-पौधों का महत्व समझाया. उन्होंने स्वयं पौधे लगाए और उन्हें पानी से सींचा.

पेड़ को रोज करें प्रणाम

क्या पेड़ों से भी अपने दिल की बात कही जा सकती है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘पेड़ आपकी बातें सुनते हैं. अगर आप किसी पेड़ के सामने खड़े होकर रोज उसे गाली दें, उलाहना दें, रोज उसे श्राप दें तो 10 दिन भी नहीं लगेगा, वो पेड़ सूख जाएगा. इसके उलट किसी पेड़ को रोज प्रणाम करें और पानी दें तो उस पेड़ के बढ़ने की जो सामान्य गति है, उससे वह 10 गुना स्पीड से बढ़ेगा.’

जो प्रकृति को बनाए रखता है

उन्होंने कहा, ‘कहा जाता है यथा पिंडे तथा ब्र​ह्मांडे, कण-कण में भगवान है. जो साधु-संत कहते हैं कि भई मंदिर वो लोग जाते हैं, जिनके अंदर भाव नहीं पैदा होते हैं, जिनके अंदर गहरे भाव पैदा होते हैं, उन्हें मंदिर जाने की जरूरत ही नहीं. यानी कि भगवान जहां भाव पैदा हो वहां भी है, मंदिर में भी है और खुले आसमान के नीचे भी है. तो ठीक उसी तरह प्रकृति का जो सिरा हमें आंखों से दिखाई देता है, वहां तक वो प्रकृति है और प्रकृति का जो सिरा हमारी आंखों से ओझल होता है, वहां से परमात्मा शुरू होता है. यहां से वो शुरू होता है, जो प्रकृति को बनाए रखता है.’

गाजीपुर में पौधरोपण के दौरान भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय

कमाल की है प्रधानमंत्री का मुहिम

पेड़ लगाने की प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा, ‘संदेश तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया. ‘एक पेड़ मां के नाम’, मैं उनके इस मुहिम ​की बहुत तारीफ करता हूं. ये एक बहुत ही अच्छी और मार्मिक मुहिम है. मुझे लगता है कि हम व्यक्ति को जिनकी मां हैं और जिनकी मां अब इस दुनिया में नहीं हैं, उनके नाम पर एक पेड़ लगाने का जो ये मोटिवेशन है, बड़ा कमाल का है. प्रधानमंत्री को ये आइडिया स्वत: आया होगा, या उनके किसी मित्र ने या उनके सहयोगी ने दिया होगा, मैं उनका धन्यवाद करता हूं. ये मुहिम पूरी पृथ्वी की रक्षा करेगी.’

गुरु गोरखनाथ की कहानी

इस दौरान उन्होंने महात्मा बुद्ध और गुरु गोरखनाथ का प्रसंग भी सुनाया. भारत एक्सप्रेस के एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने गुरु गोरखनाथ की एक कहावत का जिक्र किया, जिसका आशय था कि सारा काम हंसते-खेलते होना चाहिए.

गुरु गोरखनाथ की एक तस्वीर

गुरु गोरखनाथ के कई प्रसंग हैं, जिनसे लोगों को प्रेरणा मिलती है. वह हठयोग के आचार्य थे. उन्हें महायोगी गोरखनाथ कहा गया है, वह मध्ययुग (11वीं शताब्दी) के एक विशिष्ट महापुरुष थे. गुरु मत्स्येंद्रनाथ (मछंदरनाथ) उनके गुरु थे. दोनों ने नाथ संप्रदाय को सुव्यवस्थित कर उसका विस्तार किया था. गोरखपुर शहर उन्हीं की वजह से जाना जाता है.

चुका रहे हैं विकास की कीमत

मोहम्मदाबाद स्थित अष्ट शहीद इंटर कॉलेज से वृहद पौधरोपण अभियान के शुभारंभ के अवसर पर भारत एक्सप्रेस के एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने कहा कि वृक्षों के कारण जीवन है. वृक्ष जरूर लगाने चाहिए. सीएमडी उपेंद्र राय ने कहा, ‘मैं आपको बताना चाहूंगा कि जिस तेजी से तापमान बढ़ रहा है, जिस तरह से यूरोप के घरों में एसी नहीं लगाए जाते थे, क्योंकि वहां तापमान 20 से 24 के बीच होता था, अब वहां तापमान 40 पार करने लगा है. आप सोच सकते हैं कि वहां के लोगों की कितनी दुर्दशा है. लोग भारत से गर्मियों के दिनों में इंग्लैंड जाते थे, देश में जम्मू और श्रीनगर जाते थे, लेकिन सब जगह तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसके पीछे एक ही कारण है जो शहरीकरण हुआ है, उसके कारण पेड़ों की कटाई हुई है, उस विकास की कीमत हम चुका रहे हैं.’

पीपल के पौधे को पानी सींचते भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन एवं एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय

अंग्रेज भी देसीपन की ओर लौट रहे

सीएमडी उपेंद्र राय ने कहा, ‘हम देख रहे हैं गांव में भी लोगों को समझ में आ गया है कि हमें मोटा अनाज खाना चाहिए. हमें ज्वार, बाजरा, अलसी सब चीजें खानी चाहिए. हमें टाइम से सोना चाहिए और टाइम से जगना चाहिए. ये सारी चीजें हमारे पूर्वजों और ऋषि मुनियों ने बहुत सालों पहले सोचकर बनाई थी. आज हम फिर से वहां लौट रहे हैं, एक बार चक्कर लगाकर. यानी अंग्रेजियत के बाद हम पुन: देसीपन की ओर लौट रहे हैं. अंग्रेजों को भी देसीपन की ओर लौटना पड़ा जो लोग एक नई दुनिया का उद्घोषण करने वाले थे. उन लोगों को भी अब वापस लौटना पड़ रहा है, जड़ों की तरफ, भारत की तरफ, गांव की तरफ, नदियों की तरफ, जमीन की तरफ, पेड़ों की तरफ. ये बड़ा अच्छा संकेत है कि सब लोगों को ये बात अपील कर गई है.’

एक साल में लगाएंगे 5 लाख पेड़

एक संकल्प लेते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत एक्सप्रेस का मुखिया होने के नाते मैंने साल में 5 लाख पेड़ लगाने का वादा किया है और ये मुहिम मैंने शुरू कर दी है. मेरा मानना है कि मैं अपने हर साथी के जरिये, जो देश में 4,000 लोग भारत एक्सप्रेस से जुड़े हुए हैं. अपने हर साथी को मुझे रोज मोटिवेट करना है. या तो मैं खुद रोज पेड़ लगाऊंगा या अपने किसी साथी से कहकर पेड़ लगावऊंगा. 5 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य एक साल में पूरा करना है और जो थोड़ा बहुत हमने इस प्रकृति से लिया है, उसका एक अंश चुकता करने का मन में जो भाव जगा है, परमात्मा मेरी उसमें मदद करें.’

शहर के लोग कैसे सहयोग दें

शहर में रहने वाले लोग पेड़ कैसे लगाए, इस सवाल के जवाब में सीएमडी उपेंद्र राय ने कहा, ‘हर आदमी के जीवन में एक गांव बसा हुआ है. आज की तारीख में पेड़ लगाने की दिशा में कोई प्रयास करना चाहता है, तो किसी के पास खुली जमीन है तो जाकर उसके पास निवेदन करे तो कोई नहीं मना करेगा, बल्कि सहजतापूर्वक कहेगा कि आइए महोदय पेड़ लगाइए हमारे यहां. और उसको भी मोटिवेशन मिलेगा. तो मुझे लगाता है कि एक कदम चलने की जरूरत है. नर्सरी से पेड़ मंगवाइए और सरकारों ने इस दिशा में बहुत बड़ी मुहिम शुरू की है.’

मोहम्मदाबाद स्थित अष्ट शहीद इंटर कॉलेज के ग्राउंड में इस तरह रोपे गए पौधे

प्रधानमंत्री का आह्वान

उन्होंने कहा, ‘अभी मैं इंदौर में था तो वहां पर मैंने ​देखा कि कैलाश विजयवर्गीय मेरे मित्र भी है और बड़े भाई भी, उन्होंने 51 लाख पेड़ लगाने का संकल्प लिया. इंदौर में भी मैंने एक पेड़ लगाया. मैंने वहां से भी प्रेरणा ली. प्रधानमंत्री ने आह्वान किया और मध्य प्रदेश में वरिष्ठ मंत्री अगर 51 लाख पेड़ लगा रहे हैं. अगर वो राज्य स्तर पर ऐसा कर रहे हैं तो व्यक्तिगत स्तर पर हम 5 लाख पेड़ लगा ही सकते हैं.’

इस दौरान भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने महावीर हनुमान को पुष्प अर्पित किए. उन्होंने गाजीपुर जिले में अष्ट शहीद इंटर कॉलेज के परिसर का जायजा भी लिया.

-भारत एक्सप्रेस

Vijay Ram

वेब जर्नलिज्म में रचे-रमे. इनका हिंदी न्यूज वेबसाइट के क्रिएटिव प्रजेंटेशन पर फोकस रहा है. 2014 में राजस्थान पत्रिका-जयपुर से बतौर प्रशिक्षु शुरूआत हुई. उसके बाद 7-8 शहरों से होते हुए वनइंडिया हिंदी, एबीपी न्यूज समेत कई पोर्टल पर कार्य किया. जुलाई 2023 से भारत एक्सप्रेस में सेवाएं दीं. पत्रकारिता में बचपन से दिलचस्पी रही, अत: सन् 2000 तक के अखबारों, साप्ताहिक-मासिक पत्रिकाओं को संग्रहित किया. दो दशक से सनातन धर्म के पुराणों, महाभारत-रामायण महाकाव्यों (हिंदी संकलन) में भी अध्ययनरत हैं. धर्म-अध्यात्म, वायरल-ट्रेंडिंग, देश-विदेश, सैन्य-रणनीति और राजनीति की खबरों में रुचि है.

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