राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा
Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो यात्रा को दिल्ली पहुंचने में 108 दिन लगे, लेकिन असली लड़ाई 2023 में शुरू होगी, जब अगले साल की शुरूआत में कर्नाटक विधानसभा चुनाव होंगे. लोकसभा के लिए आम चुनाव की उलटी गिनती भी शुरू हो चुकी है. 2024 के मध्य में यह तय हो जाएगा कि देश में किसकी सरकार बनेगी. कांग्रेस 2014 से केंद्रीय सत्ता से बाहर है और मोदी लहर ने लगातार दो चुनावों में बुरी तरह हार चुकी है.
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी चुनाव
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शनिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का आज 108वां दिन है और अब तक 46 जिलों को कवर किया जा चुका है. 3 जनवरी को यात्रा फिर से उत्तर प्रदेश से शुरू होकर हरियाणा के रास्ते पंजाब और फिर जम्मू-कश्मीर तक जाएगी. 26 जनवरी को राहुल गांधी श्रीनगर में तिरंगा फहराएंगे. अब तक भारत जोड़ो यात्रा 3200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी है.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भारत जोड़ो यात्रा का सारा श्रेय राहुल गांधी को देते हुए कहा, ”इन 108 दिनों में राहुल जी के शारीरिक संघर्ष को तो सबने देखा है, साथ ही लोगों ने यात्रा को बदनाम करने की कोशिश भी देखी है.” भाजपा पर कोविड का डर पैदा करने के लिए भी कांग्रेस नेता ने निशाना साधा और कहा, स्वास्थ्य एक गंभीर मुद्दा है, इसे अपनी राजनीति के लिए इस्तेमाल न करें.
इस यात्रा के दौरान तीन चुनाव कराए गए. जहां कांग्रेस हिमाचल को भाजपा से छीनने में कामयाब रही, लेकिन गुजरात और दिल्ली के नगर निगम चुनावों में उसे हार का सामना करना पड़ा.
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राहुल गांधी ने भाजपा पर साधा निशाना
राहुल गांधी भाजपा पर निशाना साधते रहे हैं. उन्होंने शनिवार को भी बीजेपी पर निशाना साधने में देर नहीं की. दिल्ली में शनिवार के दिन प्रवेश करते हुए, उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला किया और यह कहा कि कुछ लोग नफरत फैला रहे हैं, लेकिन आम लोग सद्भाव चाहते हैं. लाखों लोग यात्रा में शामिल हुए हैं.
राहुल गांधी ने कहा, भाजपा-आरएसएस की चाल नफरत और डर फैलाने की है, लेकिन हम इसकी इजाजत नहीं देंगे. मैंने नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोली है.
राहुल पर हमलावार दिखे नकवी
पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी इस पर राहुल गांधी पर हमलावार दिखे. मीडिया से बात करते हुए नकवी ने कहा कि अगर वह लव गुरु बनना चाहते हैं, तो यह उनकी इच्छा है, लेकिन भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जो नफरत करने वालों के भी दिलों में प्यार पैदा करती है और आरएसएस के लिए किसी तरह के स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं है.
नए कोविड वेरिएंट के खतरे को देखते हुए यात्रा की आलोचना भी की और कहा कि यह ‘जोड़ो का नारा, तोडो की नीति’ जैसा लगता है. किसी तरह के कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना मुझे 2020 की पहली लहर के समय की याद दिला रहा है ,जब वे कोविड प्रोटोकॉल को मानने से इनकार कर रहे थे. एक बार फिर वे वही बात दोहरा रहे हैं.
शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुईं. वहीं पति रॉबर्ट वाड्रा के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा सुबह के समय शामिल हुईं.