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भीमा कोरेगांव मामला: गिरफ्तार ज्योति जगताप की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 22 अगस्त को करेगा सुनवाई

2022 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने ज्योति को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ एनआईए का मामला सही है, वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी की एक बड़ी साजिश की हिस्सा थी.

Jyoti Jagtap

फोटो-सोशल मीडिया

Bhima Koregaon case: भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार यलगार परिषद की कार्यकर्ता ज्योति जगताप की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 22 अगस्त को सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि इस स्टेज पर कोर्ट कोई भी नया मैटीरियल स्वीकार नही करेगा. ज्योति जगताप ने बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

2022 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने ज्योति को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ एनआईए का मामला सही है, वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी की एक बड़ी साजिश की हिस्सा थी. बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने 4 मई 2023 को जगताप की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार और एनआईए से जवाब मांगा था.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जगताप कबीर कला मंच समूह का एक सक्रिय सदस्य था, जिसने 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एलगार परिषद सम्मेलन में अपने मंचीय प्रदर्शन के दौरान न केवल आक्रामक बल्कि अत्यधिक उत्तेजक नारे लगाए थे. कोर्ट ने कहा था कि हमारी राय है कि ज्योति जगताप के खिलाफ आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने, प्रयास करने, वकालत करने और उकसाने के एनआईए के आरोप पहली नजर में सही मानने में कोई दिक्कत नही है.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पुणे में वर्ष 2017 में एलगार परिषद के आयोजित कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण के बाद भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़क गई थी. पुलिस ने दावा किया था कि कार्यक्रम के आयोजकों के नक्सलियों से संबंध है. हिंसा के मामले में जनवरी 2018 में एक्टविस्ट गौतम नवलखा के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था. गौतम नवलखा के साथ अरुण फरेरा, वरवरा राव, वर्णन गोन्साल्विज सुधा भारद्वाज को आरोपी बनाया गया था.

-भारत एक्सप्रेस



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