फोटो-सोशल मीडिया
Abbas Ansari Arms Case: मुख्तार अंसारी के बेटे और समाजवादी पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी को आर्म्स लाइसेंस मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने अब्बास अंसारी को जमानत दे दी है. अब्बास अंसारी पर शूटिंग प्रतियोगिताओं के बहाने विदेशी बंदूकें खरीदने का आरोप है. इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने FIR दर्ज की थी.
कपिल सिब्बल ने आरोपों को बताया गलत
सोमवार यानी कि 18 मार्च को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान दलील देते हुए अब्बास अंसारी के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि विदेश से लाइसेंस मंगाने के लिए साल 2015 में यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी किया गया था, जोकि विभाग से जारी होता है. एफआईआर में जिस घटना का जिक्र किया गया है, उस समय अब्बास पैदा ही नहीं हुआ था. एक दूसरी एफआईआर जो दर्ज है, उस समय अब्बास की उम्र केवल छह साल थी.
यूपी पुलिस ने दी ये दलीलें
वहीं इस मामले में यूपी पुलिस की ओर से अदालत में दी गई दलील में कहा गया कि अब्बास पर शूटिंग प्रतियोगिता के बहाने विदेशी बंदूकें खरीदने का मामला दर्ज किया था. इसके अलावा यूपी पुलिस की ओर से कहा गया है कि अब्बास अंसारी कई आपराधिक मामलों में शामिल है.
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ये हैं आरोप
अब्बास अंसारी पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस को बिना जानकारी दिए शस्त्र लाइसेंस को दिल्ली ट्रांसफर करा लिया था. इसके अलावा एक ही लाइसेंस पर कई असलहे खरीदने का भी आरोप है. पुलिस ने लखनऊ पुलिस ने 12 अक्टूबर 2019 को शस्त्र लाइसेंस को लेकर एक मामला दर्ज किया था. जिसकी जांच के बाद पुलिस ने धारा 467, 468, 471, 420 और आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी.
-भारत एक्सप्रेस
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