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Budget 2024: पूर्वी भारत के विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘पूर्वोदय’ योजना का ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जा रहे बजट में इस बार सरकार का खास ध्यान पूर्वी भारत के राज्यों के विकास पर केंद्रित है.

Budget 2024

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जा रहे बजट में इस बार सरकार का खास ध्यान पूर्वी भारत के राज्यों के विकास पर केंद्रित है. इसके साथ देश के अति पिछड़े राज्यों के विकास को लेकर भी इस बजट में वित्त मंत्री ने कई घोषणाएं की हैं.

‘पूर्वोदय’ योजना से पूर्वी भारत के विकास को बढ़ावा मिलेगा

इस बजट में वित्त मंत्री ने पूर्वोदय स्कीम की घोषणा की है जिसके जरिए पूर्वी भारत को चमकाने की सरकार की योजना है. वित्त मंत्री की तरफ से देश के पूर्वी राज्यों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए पूर्वोदय स्कीम की घोषणा की गई है. केंद्र ने बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे पूर्व के राज्यों के विकास के लिए पूर्वोदय स्कीम की घोषणा की है. इसके तहत मानव संसाधन विकास, बुनियादी विकास पर ध्यान दिया जाएगा.

बिहार के विकास के लिए ‘विकास भी विरासत भी’ मॉडल का अनावरण

बिहार से विशेष राज्य के दर्जे की मांग की जा रही थी. इस योजना में उसके लिए कई सौगात दी गई हैं. इसके साथ ही अमृतसर- कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के तहत बिहार के गया में औद्योगिक केंद्र बनाया जाएगा. सांस्कृतिक केंद्रों को आधुनिक आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. इस मॉडल को ‘विकास भी विरासत भी’ का नाम दिया जाएगा.

इसके अलावा रोड कनेक्टिविटी भी बढ़ाया जाएगा. इसके तहत पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे, बक्सर भागलपुर एक्सप्रेस वे, बोधगया-राजगीर वैशाली दरभंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का पुल भी बनाया जाएगा. इसके लिए 26000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

इसके अलावा केंद्र सरकार ने काशी की तर्ज पर बिहार के गया में विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर का निर्माण करने का फैसला किया है. नालंदा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा.

इसके साथ ही बिहार को एक और सौगात दी गई है यहां 2400 मेगावाट की क्षमता का पावर प्लांट का निर्माण पीरपैंती में 21400 करोड़ की लागत से किया जाएगा. न्यू एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज भी बिहार में बनाए जाएंगे. कैपिटल निवेश के लिए भी बिहार को मदद दिया जाएगा.

असम में बाढ़ प्रबंधन के लिए सहायता प्रदान करेगा केंद्र

असम हर साल भारत के बाहर से आने वाली ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियों के कारण बाढ़ से जूझता है. असम की भौगोलिक स्थिति के कारण यहां बाढ़ का खतरा बना रहता है, मानसून के मौसम में ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियां उफान पर होती हैं, जिससे व्यापक तबाही और विस्थापन होता है. राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ब्रह्मपुत्र घाटी, बराक घाटी और पहाड़ी जिले शामिल हैं. सरकार बाढ़ प्रबंधन और संबंधित परियोजनाओं के लिए असम को सहायता प्रदान करेगी.

केंद्र की वित्तीय सहायता से आंध्र प्रदेश के विकास को बढ़ावा

इसके साथ ही इस बजट में आंध्र प्रदेश के विकास के लिए भी सरकार ने अपना पिटारा खोलते हुए कई सौगातों की घोषणाएं की है. राज्य में राजधानी की जरूरत को स्वीकार करते हुए केंद्र राज्य को अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से सहयोग देगा. इस वित्त वर्ष में 15000 करोड़ रुपये इसके लिए व्यवस्था की गई है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि पोलावरम सिंचाई परियोजना को भी सरकार पूरा करने जा रही है.

इसके साथ ही आंध्र प्रदेश पुनर्गठन एक्ट के तहत विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में ओरवाकल क्षेत्र में विकास के लिए फंड दिया जाएगा. रायलसीमा, प्रकाशम, उत्तरी तटीय आंध्र के लिए फंड मुहैया कराया जाएगा.

-भारत एक्सप्रेस 

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