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PNB घूसकांड: दीमापुर के पूर्व सीनियर मैनेजर और निजी फर्म के मालिक को CBI ने किया गिरफ्तार, भ्रष्टाचार की परतें खुलीं

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पंजाब नेशनल बैंक, दीमापुर शाखा के पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक और एक निजी फर्म के मालिक को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है. जांच में नकद और वस्तुओं के रूप में दी गई रिश्वत का खुलासा हुआ है.

CBI

प्रतीकात्मक तस्वीर.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सख्त कार्रवाई को जारी रखते हुए पंजाब नेशनल बैंक (PNB), दीमापुर शाखा के तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक और दीमापुर की एक निजी फर्म के प्रोपराइटर को घूसखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी गुवाहाटी (असम) और दीमापुर (नागालैंड) से की गई. आरोप है कि बैंक अधिकारी ने वित्तीय रूप से कमज़ोर फर्म को ₹20 लाख की नकद ऋण सीमा (Cash Credit Limit) स्वीकृत करने के बदले फर्म के मालिक से ₹1 लाख की अवैध रकम अपने खाते में प्राप्त की.

CBI ने इस मामले में 4 जून 2025 को मुकदमा दर्ज किया था. प्रारंभिक जांच के बाद 6 और 7 जून को CBI की टीम ने दीमापुर और गुवाहाटी में कुल 7 स्थानों (5 दीमापुर में और 2 गुवाहाटी में) पर तलाशी अभियान चलाया. इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य और लेनदेन से जुड़े कागजात बरामद किए गए. जांच में सामने आया कि बैंक प्रबंधक को फर्म के मालिक द्वारा कुल ₹1,69,000 की रिश्वत दी गई थी. इसके अतिरिक्त, ₹2,06,200 की इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की खरीद का बिल भी मिला है, जिनमें से कई वस्तुएं आरोपी बैंक प्रबंधक के घर से बरामद की गईं.

नकद के साथ-साथ वस्तुओं में भी दी गई थी रिश्वत

CBI का यह भी कहना है कि ये सभी सामान आरोपी प्रोपराइटर द्वारा आरोपी बैंक प्रबंधक के नाम पर खरीदे गए थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि रिश्वत सिर्फ नकद में नहीं, बल्कि वस्तुओं के रूप में भी दी गई थी. इन सभी साक्ष्यों को जांच के लिए जब्त कर लिया गया है.

दोनों आरोपियों को आज यानी 7 जून 2025 को संबंधित न्यायालयों में पेश किया जाएगा. CBI ने साफ किया है कि जांच अभी जारी है और इसमें और भी नाम सामने आ सकते हैं. यह मामला न सिर्फ बैंकिंग प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह व्यक्तिगत लाभ के लिए संस्थागत नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

CBI की इस कार्रवाई को एक अहम कदम माना जा रहा है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रणाली में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में गंभीर प्रयास को दर्शाता है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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